अक्सर कहा जाता है कि महिलाओं के आंसू देखकर पुरुष पिघल जाते हैं। क्या यह सिर्फ एक कहावत है, या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक आधार है? एक नए अध्ययन के अनुसार, महिलाओं के आंसू में एक रासायनिक होता है जो पुरुषों में आक्रामकता को कम कर सकता है।
इज़राइल में वीज़मैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया जिसमें उन्होंने पुरुषों को महिलाओं के भावनात्मक आंसुओं या नमकीन पानी की गंध सूंघने के लिए कहा। इसके बाद, उन्होंने पुरुषों को एक दो-खिलाड़ियों के खेल में भाग लेने के लिए कहा, जिसमें एक खिलाड़ी को धोखा देने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
शोधकर्ताओं ने पाया कि महिलाओं के आंसू सूंघने वाले पुरुषों ने धोखेबाज खिलाड़ी के प्रति कम आक्रामक व्यवहार किया। वे धोखेबाज खिलाड़ी को पैसे का नुकसान पहुंचाने की कम संभावना रखते थे।
शोधकर्ताओं का मानना है कि महिलाओं के आंसुओं में एक रासायनिक होता है जिसे प्रोलैक्टिन कहा जाता है। प्रोलैक्टिन एक हार्मोन है जो संवेदनशीलता और करुणा से जुड़ा हुआ है। शोधकर्ताओं का मानना है कि प्रोलैक्टिन पुरुषों में आक्रामकता के लिए जिम्मेदार मस्तिष्क क्षेत्रों की गतिविधि को कम कर सकता है।
इस अध्ययन के परिणामों से पता चलता है कि महिलाओं के आंसू आक्रामकता को कम करने के लिए एक संभावित उपकरण हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, इस जानकारी का उपयोग स्कूलों, जेलों और अन्य स्थितियों में आक्रामक व्यवहार को कम करने के लिए किया जा सकता है।
यह अध्ययन केवल एक प्रारंभिक अध्ययन है, और अधिक शोध की आवश्यकता है। हालांकि, यह अध्ययन महिलाओं के आंसुओं की शक्ति के बारे में एक रोचक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।