फोन चलाने से रोका तो पत्नी ने दर्ज कराए 9 केस, नशा और मोबाइल की लत तोड़ रही परिवार…
आज के समय में नशे की आदत, मोबाइल फोन की लत और इस तरह की अन्य मानसिक निर्भरता, घरों में असमंजस और विवादों का कारण बन रही हैं। यह समस्याएं परिवारों के बीच गहरे मतभेद पैदा कर रही हैं, खासकर शादीशुदा जीवन में। पारिवारिक रिश्तों में दूरी और तनाव उत्पन्न होने पर लोग कुटुंब न्यायालय का रुख कर रहे हैं। इन दिनों ऐसे कई मामले कुटुंब न्यायालय में देखने को मिल रहे हैं, जिनमें पति-पत्नी के बीच विवाद का कारण इन आदतों का असर बन रहा है।
मोबाइल फोन की लत का असर
हाल ही में ग्वालियर के किला गेट थाना क्षेत्र में एक मामला सामने आया, जिसमें शादी के बाद पति-पत्नी के बीच मोबाइल फोन की लत के कारण विवाद उत्पन्न हुआ। प्रशांत चौहान, एक अधिवक्ता, ने बताया कि यह शादी परिवार की मर्जी से हुई थी और शुरुआत में सब कुछ ठीक था, लेकिन कुछ महीनों बाद ही समस्याएं उत्पन्न होने लगीं। लड़का एक व्यापारी था, जबकि लड़की गृहणी थी। लड़के का आरोप था कि उसकी पत्नी पूरे दिन मोबाइल फोन पर लगी रहती थी और जब भी वह उसे टोका, तो विवाद खड़ा हो जाता था। वहीं, लड़की का आरोप था कि उसे ससुरालवाले परेशान कर रहे थे। इस कारण लड़की ने शुरुआत में मायके जाना शुरू कर दिया और फिर महिला थाने में शिकायत दर्ज करवाई।
शुरुआत में दोनों ने काउंसलिंग में हिस्सा लिया, लेकिन पांचवीं काउंसलिंग में पत्नी को छोड़कर पति थाने से चला गया। इस दौरान लड़की गर्भवती भी हो गई थी। तीन साल तक यह मामला कुटुंब न्यायालय में चलता रहा और अंत में पति-पत्नी ने एक साथ रहने का फैसला लिया। हालांकि, अब उन्हें पछतावा है कि उनका बच्चा इस विवादों में बड़ा हुआ।
गुटखा और रिश्तों की टूटन
शिवपुरी की एक युवती और ग्वालियर के एक युवक का मामला भी इसी तरह से नशे की आदतों के कारण विवादों में फंसा। दोनों की शादी भी परिवार की इच्छाओं के अनुसार हुई थी। शुरुआत में सब कुछ ठीक था, लेकिन जब संतान नहीं हुई, तो विवाद बढ़ने लगे। चिकित्सक से सलाह लेने पर डॉक्टर ने युवती को गुटखा छोड़ने की सलाह दी। जब युवक ने अपनी पत्नी को गुटखा खाने से रोका, तो विवाद शुरू हो गया और पत्नी ने अपने पति पर आरोप लगाना शुरू कर दिया। महिला ने अपने पति के खिलाफ केस दर्ज करवाया।
न्यायालय में मामला पहुंचा और तलाक के लिए सेटेलमेंट की बात सामने आई। खबरों के अनुसार, युवती ने 20 लाख रुपए या एक मकान की मांग की। फिलहाल, यह मामला फैमिली कोर्ट में लंबित है।
मोबाइल फोन और मायके की आदत
एक अन्य मामले में पति-पत्नी दोनों कामकाजी थे, लेकिन पत्नी को मोबाइल फोन चलाने और मायके में अधिक समय बिताने की आदत थी। इससे शादी के कुछ महीनों बाद ही दोनों के बीच विवाद शुरू हो गए। पति ने पत्नी से कहा कि वह हमेशा मायके के इशारे पर चलती है, जिससे उनके वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं। पहले तो मामूली विवाद होते थे, जिन्हें शांत करने की कोशिश की जाती थी, लेकिन बाद में यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों ने कोर्ट का रुख किया।
यह मामला लगभग तीन साल तक अदालत में चलता रहा और इस दौरान महिला ने अपने पति पर 9 केस दर्ज करवा दिए। बदले में पति ने भी पत्नी के खिलाफ 9 मामले दर्ज करवा दिए। तीन साल बाद, दोनों ने आपसी सहमति से तलाक लेने का निर्णय लिया। तलाक के बाद मामला 20 लाख रुपए में सेटल हो गया और दोनों के बीच आपसी सहमति से तलाक हो गया।
नशा और मोबाइल की लत का खतरनाक प्रभाव
यह सभी मामले यह दिखाते हैं कि नशे की आदत और मोबाइल की लत जैसे छोटे-छोटे कारण शादीशुदा जीवन को कितना प्रभावित कर सकते हैं। जब व्यक्ति अपने व्यक्तिगत आदतों में बदलाव नहीं करता और अपने साथी की समस्याओं को नजरअंदाज करता है, तो रिश्ते में तनाव उत्पन्न होता है। इन मुद्दों को हल करने के लिए जरूरी है कि दंपत्ति आपसी संवाद स्थापित करें और समस्याओं का समाधान मिलकर ढूंढें। अगर रिश्ते में कोई भी समस्या उत्पन्न हो, तो यह महत्वपूर्ण है कि इसे समय रहते सुलझाया जाए, ताकि परिवार की सुख-शांति बनी रहे।
आजकल कोर्ट का रुख करने से पहले दंपत्तियों को यह सोचना चाहिए कि क्या ये समस्याएं रिश्ते को समाप्त करने के लायक हैं, या फिर आपसी सहमति से समाधान निकाला जा सकता है। नशा, मोबाइल की लत और अन्य आदतों से परिवारों को होने वाले नुकसान को लेकर जागरूकता फैलाने की जरूरत है।