प्रयागराज। महाकुंभ 2025 के ऐतिहासिक आयोजन को लेकर भारतीय रेलवे ने सुरक्षा और यात्री सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कई व्यापक इंतजाम किए हैं। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को जानकारी दी कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज क्षेत्र के 9 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए 1186 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके साथ ही रेलवे बोर्ड में एक विशेष वार रूम का गठन किया गया है, जिससे पूरे आयोजन की निगरानी की जाएगी।
सुरक्षा और यात्री सुविधा के लिए कदम
रेल मंत्री ने बताया कि महाकुंभ के इस भव्य आयोजन को सफल बनाने के लिए रेलवे ने 4000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं। इस आयोजन में भारतीय रेलवे न केवल सुरक्षा व्यवस्था बल्कि यात्री सेवा में भी नवाचार ला रहा है। रेलवे की यह कोशिश है कि महाकुंभ के दौरान यात्रियों को अधिकतम सुविधा और सुरक्षा मिले।
रेल मंत्री ने यह भी बताया कि 9 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों के लिए होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं, जिन्हें अलग-अलग रंगों में विभाजित किया जाएगा। इनमें लाल, नीला, पीला और हरा रंग प्रमुख डेस्टिनेशन की पहचान देगा, जिससे यात्रियों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं होगी। इसके साथ ही, इस बार रेलवे 13,300 गाड़ियों का संचालन करेगा, जिनमें 10,000 नियमित गाड़ियां और 3300 से ज्यादा स्पेशल गाड़ियां शामिल होंगी।
सीसीटीवी निगरानी और डिजिटल व्यवस्थाएं
रेलवे की सुरक्षा व्यवस्थाओं में एक और महत्वपूर्ण कदम यह है कि सभी स्टेशनों पर 1186 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें से 764 नए कैमरे हैं, और इनमें से 116 कैमरे फेस रिकग्निशन तकनीक से लैस हैं। इन कैमरों की पांच स्तरीय निगरानी की व्यवस्था की गई है, जिससे पूरे महाकुंभ के दौरान यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इसके अलावा, रेलवे ने डिजिटल महाकुंभ के लिए बारकोड आधारित यूटीएस टिकटिंग प्रणाली लागू की है, जिससे यात्रियों को टिकट लेने में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। इन व्यवस्थाओं से महाकुंभ यात्रा को और अधिक सुगम और व्यवस्थित बनाया जाएगा।
संरचनात्मक विकास और स्वास्थ्य व्यवस्थाएं
महाकुंभ के दौरान यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रेलवे ने प्रयागराज क्षेत्र में कई संरचनात्मक विकास कार्य भी किए हैं। प्रमुख उपायों में प्रयागराज-वाराणसी और फाफामऊ-जंघई मार्ग की डबलिंग और गंगा नदी पर नए पुल का निर्माण शामिल है। इसके अलावा, सात नए प्लेटफार्मों का निर्माण किया गया है, जिससे प्लेटफार्मों की कुल संख्या अब 48 हो गई है। स्टेशनों पर नए फुट ओवरब्रिज, रैंप और आधुनिक शौचालय भी बनाए गए हैं।
यात्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए भी रेलवे ने बड़े पैमाने पर इंतजाम किए हैं। प्रत्येक स्टेशन पर फर्स्ट ऐड बूथ और मेडिकल ऑब्जरवेशन रूम बनाए गए हैं, जहां डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ 24 घंटे तैनात रहेंगे। सफाई व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए 1000 स्वच्छता प्रहरी तैनात किए गए हैं। साथ ही, 10,000 जीआरपी जवान और 1000 स्वयंसेवक भी यात्रियों की सहायता के लिए मौजूद रहेंगे।
महाकुंभ की भव्यता
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में आने वाले यात्रियों के लिए रेलवे ने स्टेशनों को भव्य रूप दिया है। स्टेशनों की दीवारों पर 20,000 वर्ग मीटर में कुम्भ आधारित पेंटिंग कराई गई हैं, जो इस आयोजन की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को दर्शाती हैं।
रेलवे ने प्रमुख स्नान पर्वों के लिए स्पेशल गाड़ियों की व्यवस्था की है, जिससे यात्रियों को समय पर अपनी मंजिल तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो। महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक चलेगा, जिसमें 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के संगम में स्नान करने की उम्मीद है।
इस प्रकार, महाकुंभ 2025 के आयोजन के लिए भारतीय रेलवे ने सुरक्षा, सुविधा, और भव्यता के सभी पहलुओं पर खास ध्यान दिया है। इससे न केवल यात्रियों की यात्रा सुरक्षित और सुगम होगी, बल्कि महाकुंभ के इस ऐतिहासिक आयोजन को यादगार बनाने के लिए रेलवे ने अपना सर्वोत्तम योगदान दिया है।