मैंगलोर: कर्नाटक के मैंगलोर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पेट्रोल पंप के कर्मचारी ने अपने क्यूआर कोड के जरिए 58 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है। यह घटना जिले के बंगराकुलुर स्थित एक रिलायंस पेट्रोल पंप पर हुई। आरोपी कर्मचारी ने दो साल तक क्यूआर कोड के माध्यम से रकम अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की और पंप मालिक को इसका पता नहीं चलने दिया।
धोखाधड़ी का तरीका
आरोपी कर्मचारी, जो कि मैंगलोर के बाजपे का निवासी है, का नाम मोहनदास है। वह पेट्रोल पंप पर सुपरवाइजर के रूप में काम कर रहा था। मोहनदास ने पेट्रोल पंप पर लगी बैंक के क्यूआर कोड को हटा दिया और इसके स्थान पर अपना व्यक्तिगत क्यूआर कोड लगा दिया। इसके बाद, जब ग्राहक पेट्रोल पंप पर भुगतान करते थे, तो वह पैसा आरोपी के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता था।
बताया जा रहा है कि मोहनदास ने 10 मार्च 2020 को अपने क्यूआर कोड को पेट्रोल पंप पर लगाया और इसके बाद से उसने करीब दो साल तक यह धोखाधड़ी की। आरोपी ने लगातार इस तरीके से अपने अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए, जिससे पंप मालिक को इसकी भनक नहीं लगी।
कुल धोखाधड़ी की राशि
पुलिस जांच में सामने आया है कि मोहनदास ने 10 मार्च 2020 से 31 जुलाई 2022 तक लगभग 58 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है। पंप मालिक को जब इस हेरफेर का पता चला, तो उसने मामले की जांच शुरू की। इसके बाद पंप के मैनेजर संतोष मैथ्यू ने इस मामले की शिकायत पुलिस से की, जिससे मामला दर्ज हुआ और आरोपी की गिरफ्तारी हुई।
पुलिस की कार्रवाई
मैंगलोर के साइबर क्राइम और इकोनॉमिक अपराध स्टेशन में इस धोखाधड़ी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपी मोहनदास को गिरफ्तार कर लिया है और उसकी पूछताछ जारी है। पुलिस द्वारा जांच की जा रही है कि मोहनदास ने इस धोखाधड़ी को कैसे अंजाम दिया और उसने कौन-कौन से अन्य खाते इस्तेमाल किए।
पंप के मैनेजर की शिकायत
पेट्रोल पंप के मैनेजर संतोष मैथ्यू ने पुलिस से यह शिकायत की कि मोहनदास ने क्यूआर कोड को बदलकर 58 लाख रुपये का गबन किया है। इसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए कार्रवाई शुरू की।
यह घटना एक गंभीर अपराध का उदाहरण है, जिसमें तकनीकी तरीकों का दुरुपयोग कर एक कर्मचारी ने लाखों रुपये की धोखाधड़ी की। पुलिस अब मामले की गहन जांच कर रही है और आरोपी से इस धोखाधड़ी के बारे में अधिक जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है।