आरबीआई ने शुरू की बैंकिंग सुधारों की नई पहल
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश की बैंकिंग व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव करने की तैयारी शुरू कर दी है। आरबीआई ने 238 नए बैंकिंग नियमों का ड्राफ्ट जनता के लिए जारी किया है और इस पर 10 नवंबर 2025 तक सुझाव मांगे हैं। इन नियमों को अंतिम रूप देकर साल 2026 की शुरुआत से लागू किया जा सकता है।
इन प्रस्तावित बदलावों का मुख्य उद्देश्य है —
✅ ग्राहकों की सुरक्षा बढ़ाना,
✅ बैंकिंग सेवाओं को आसान और पारदर्शी बनाना,
✅ तथा बैंकों की जवाबदेही सुनिश्चित करना।
लॉकर चोरी पर बैंक देंगे 100 गुना हर्जाना
आरबीआई के नए प्रस्ताव के अनुसार, अगर किसी ग्राहक का बैंक लॉकर चोरी या नुकसान का शिकार होता है और इसमें बैंक की लापरवाही या सुरक्षा में चूक पाई जाती है, तो बैंक को ग्राहक को लॉकर किराए के 100 गुना तक हर्जाना देना होगा।
यह बदलाव उन हजारों ग्राहकों के लिए राहत की खबर है जिनके लॉकर से जुड़ी शिकायतें अक्सर अनसुनी रह जाती थीं। अब बैंक अपने लॉकर सुरक्षा सिस्टम को और मजबूत करने पर मजबूर होंगे।
साइबर फ्रॉड पर सख्त प्रावधान
आरबीआई ने साइबर सुरक्षा नियमों को भी और सख्त किया है। नए ड्राफ्ट के अनुसार,
- यदि किसी ग्राहक के खाते से ऑनलाइन धोखाधड़ी (Cyber Fraud) होती है और वह तीन दिनों के भीतर इसकी सूचना बैंक को देता है,
तो ग्राहक की जवाबदेही शून्य मानी जाएगी। - यानी ग्राहक को कोई आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।
- यदि बैंक समय पर कार्रवाई नहीं करता है, तो उस पर ₹25,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।
इससे बैंकों को साइबर सुरक्षा तंत्र और मजबूत बनाने की दिशा में काम करना होगा।
केवाईसी (KYC) प्रक्रिया होगी आसान
ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने KYC प्रक्रिया में भी बड़ा बदलाव प्रस्तावित किया है।
- सामान्य खातों के लिए KYC हर 10 साल में एक बार करनी होगी।
- मध्यम जोखिम वाले खातों के लिए हर 8 साल में।
- जबकि उच्च जोखिम वाले खातों के लिए यह प्रक्रिया हर 2 साल में दोहरानी होगी।
इससे ग्राहकों को बार-बार दस्तावेज जमा कराने की परेशानी से छुटकारा मिलेगा।
लोन नियमों में पारदर्शिता और राहत
लोन से संबंधित नियमों में भी कई सुधार प्रस्तावित किए गए हैं —
- अब सभी बैंकों को ब्याज दर तय करने के लिए एक समान फॉर्मूला अपनाना होगा।
- साथ ही, सभी प्रकार के लोन पर प्रीपेमेंट पेनाल्टी (Prepayment Penalty) को पूरी तरह खत्म किया जाएगा।
इससे ग्राहक बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के समय से पहले लोन चुका सकेंगे। यह कदम बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देगा।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए घर बैठे बैंकिंग सुविधा
70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आरबीआई ने विशेष सुविधा की घोषणा की है।
अब बैंकों को उन्हें घर बैठे बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करानी होंगी।
बैंक अधिकारी वरिष्ठ नागरिकों के घर जाकर खाते से संबंधित आवश्यक सेवाएं प्रदान करेंगे।
कब से लागू होंगे नए बैंकिंग नियम?
आरबीआई के अनुसार, जनता और बैंकिंग संस्थानों के सुझावों पर विचार करने के बाद ये सभी नए नियम 1 जनवरी 2026 से 1 अप्रैल 2026 के बीच चरणबद्ध तरीके से लागू किए जाएंगे।
इन बदलावों से बैंकिंग सेक्टर में ग्राहक अनुभव बेहतर होगा, सिस्टम पारदर्शी बनेगा और बैंकों की जवाबदेही तय होगी।
2026 से लागू होने वाले ये नए बैंकिंग कानून न सिर्फ ग्राहकों को सुरक्षा और सुविधा देंगे, बल्कि बैंकों को भी अपने कामकाज में अधिक पारदर्शी और जिम्मेदार बनने के लिए प्रेरित करेंगे।