अमृतसर, 26 जनवरी 2025: गणतंत्र दिवस की संध्या को अटारी-वाघा बॉर्डर पर आयोजित बीटिंग रिट्रीट समारोह ने फिर से हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस भव्य समारोह में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने अपनी जोशपूर्ण परेड से दर्शकों का दिल जीत लिया। बीटिंग रिट्रीट में इस बार एक नया आकर्षण भी देखने को मिला, जब बिगुल की धुन को पहली बार शामिल किया गया, जो पूरी घटना में एक विशेष संगीतात्मक आकर्षण का हिस्सा बनी।
#WATCH | Beating Retreat ceremony at the Attari-Wagah border in Punjab's Amritsar on the occasion of the 76th #RepublicDay pic.twitter.com/PUnEypJwUw
— ANI (@ANI) January 26, 2025
बीटिंग रिट्रीट में दिखी बीएसएफ जवानों की वीरता और जोश
अटारी-वाघा बॉर्डर, जो कि पंजाब के अमृतसर जिले में स्थित है, पर आयोजित इस समारोह में बीएसएफ के जवानों ने न केवल अपनी परेड से जोश दिखाया, बल्कि अपने कदमों से पूरी धरती को हिलाकर रख दिया। 6 फीट से भी ऊंचे कद वाले जवानों ने अपने कदमों की ताबड़तोड़ ध्वनि से आसमान को गूंज उठा दिया। उनकी एकजुटता और परेड के दौरान उर्जा से भरी हर हरकत दर्शकों को अभिभूत कर गई।
भारत और पाकिस्तान की सीमा पर स्थित अटारी और वाघा बॉर्डर पर यह बीटिंग रिट्रीट समारोह दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण और गौरवमयी संबंधों का प्रतीक बन चुका है। इस दौरान, भारतीय जवानों की पंक्ति में चलने वाली बीएसएफ की टुकड़ी ने देशभक्ति से ओत-प्रोत कदमों से हर किसी का दिल जीत लिया।
#WATCH | Personnel of India's first line of defence – Border Security Force (BSF) perform Beating Retreat ceremony at the Attari-Wagah border in Punjab's Amritsar on the occasion of the 76th #RepublicDay pic.twitter.com/jgbM4dkpkp
— ANI (@ANI) January 26, 2025
‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के उद्घोष से गूंज उठा वातावरण
बीटिंग रिट्रीट समारोह के दौरान भारतीय दर्शकों ने ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के उद्घोष के साथ जवानों का उत्साह और उत्सव के माहौल को और भी जोश से भर दिया। जवानों ने भी इन नारों का स्वागत करते हुए अपनी जोशपूर्ण परेड जारी रखी। भारतीय सैनिकों का अद्वितीय साहस और वीरता देखने के लिए पर्यटक और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
पर्यटकों और बच्चों का उत्साह बढ़ाया बीएसएफ जवानों ने
बीटिंग रिट्रीट समारोह में बच्चों, युवाओं और सभी दर्शकों ने पूरी गर्मजोशी के साथ भाग लिया। समारोह का हिस्सा बनकर लोग महसूस कर रहे थे कि वे एकजुट होकर अपने देश के प्रति अपनी निष्ठा और प्रेम का जश्न मना रहे हैं। इस दौरान कार्यक्रम में सैन्य डॉग भी शामिल हुए, जिन्होंने अपनी चपलता और कर्तव्यनिष्ठा से सभी का दिल जीता।
1959 से लगातार हो रहा है आयोजन
अटारी-वाघा बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट समारोह की शुरुआत 1959 में हुई थी। तब से यह आयोजन एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम बन चुका है, जिसे देखने के लिए हर साल बड़ी संख्या में दर्शक उमड़ते हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सौहार्द और भाईचारे का संदेश देना है, जबकि यह भारतीय जवानों की वीरता और पराक्रम को भी प्रदर्शित करता है।
आखिरकार, यह था एक दिन जो देशभक्ति से ओत-प्रोत था और जिसकी गूंज आज भी हमारे दिलों में जिंदा