नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने लंबे समय से फरार चल रहे वांटेड आरोपी अंगद सिंह चंडोक को आखिरकार अमेरिका से भारत ले आई है। अंगद सिंह चंडोक पर बैंक धोखाधड़ी और एक बड़े इंटरनेशनल ऑनलाइन ठगी रैकेट में शामिल होने का गंभीर आरोप है। सीबीआई को उसकी लंबे समय से तलाश थी।
इंटरनेशनल ऑनलाइन ठगी रैकेट का सरगना
अंगद सिंह चंडोक पर अमेरिका में रहकर एक बड़े इंटरनेशनल ऑनलाइन ठगी रैकेट का हिस्सा होने का आरोप है। उसने फर्जी टेक सपोर्ट और ट्रैवल स्कीम के जरिए मुख्य रूप से बुजुर्ग अमेरिकियों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की। जांच में सामने आया है कि उसने फर्जी कंपनियां बनाकर इस ठगी के पैसे को इधर-उधर घुमाया और विदेशों तक भेजा।
अमेरिकी जांच एजेंसियों का खुलासा
अमेरिकी जांच एजेंसियों के मुताबिक, चंडोक ने करीब दो साल तक यह धोखाधड़ी जारी रखी और लगभग 15 लाख डॉलर (यानी करीब 12.5 करोड़ रुपये से अधिक) की रकम ठगी के जरिए कमाई। अमेरिकी अदालत ने उसे 6 साल की जेल की सजा भी सुनाई थी।
अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, चंडोक ने अमेरिका में शरण ली थी, लेकिन बाद में वह इस अंतरराष्ट्रीय ठग गिरोह का एक अहम हिस्सा बन गया। उस पर अमेरिका में फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों डॉलर का लेन-देन करने का भी आरोप है। यह सारा पैसा लोगों से टेक सपोर्ट और ट्रैवल फीस के नाम पर ठगा गया था।
भारत में भी कई ठगी के मामलों में वांछित
अंगद सिंह चंडोक भारत में भी कई ठगी के मामलों में वांछित था। बताया गया है कि उसके साथ कम से कम पांच और लोग इस रैकेट में काम कर रहे थे। वह इस बड़े घोटाले के अंतरराष्ट्रीय सरगनाओं से भी सीधे जुड़ा हुआ था। सीबीआई द्वारा उसे भारत लाए जाने से उम्मीद है कि देश में उसके खिलाफ दर्ज मामलों में भी तेजी आएगी और इस पूरे अंतरराष्ट्रीय ठगी रैकेट का पर्दाफाश करने में मदद मिलेगी।