आगरा: अगर आप भी केंद्र सरकार के कर्मचारी या पेंशनधारी हैं, तो जुलाई 2025 आपके लिए बड़ी खुशखबरी लेकर आ सकता है। जी हां, एक बार फिर महंगाई भत्ते (DA – Dearness Allowance) में बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद है और इस बार DA 55% से बढ़कर 57 या 58% तक पहुंच सकता है। यह खबर सिर्फ एक मामूली अपडेट नहीं, बल्कि देश के लगभग 1.2 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की जेब और उनके जीवन स्तर से जुड़ी है।
आइए आसान भाषा में समझते हैं कि DA क्या होता है, कैसे तय होता है और इस बार आपको कितनी राहत मिलने की उम्मीद है।
महंगाई भत्ता (DA) क्या है और क्यों मिलता है?
महंगाई भत्ता सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स को दिया जाने वाला एक अतिरिक्त भुगतान होता है। इसका मुख्य मकसद बढ़ती महंगाई के असर को कम करना है, ताकि आपकी सैलरी की ‘असल कीमत’ कम न हो जाए। सीधे शब्दों में कहें तो, अगर चीजें महंगी हो रही हैं, तो सरकार आपकी सैलरी में DA जोड़कर इस फर्क को कम करती है, जिससे आपकी क्रय शक्ति बनी रहे।
DA कितनी बार बढ़ता है और कब होगी घोषणा?
महंगाई भत्ते की समीक्षा हर 6 महीने में होती है:
- जनवरी से जून की अवधि के लिए घोषणा मार्च में होती है।
- जुलाई से दिसंबर की अवधि के लिए घोषणा अक्टूबर में होती है।
मतलब इस बार जुलाई 2025 के लिए DA हाइक की ऑफिशियल घोषणा दिवाली से पहले अक्टूबर 2025 में हो सकती है।
DA की गणना कैसे होती है?
DA का निर्धारण CPI-IW (Consumer Price Index for Industrial Workers) यानी औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित होता है। यह सूचकांक बताता है कि खाने-पीने, किराया, कपड़े, और बाकी ज़रूरी चीजों के दाम कितने बढ़े हैं।
सातवें वेतन आयोग का फार्मूला कुछ इस तरह काम करता है – CPI-IW के 12 महीने के औसत से 261.42 घटाकर, उसे 261.42 से भाग देकर और फिर 100 से गुणा किया जाता है। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होती है और किसी भी राजनीतिक हस्तक्षेप से अलग होती है।
अभी तक कितना DA मिल रहा है और कितनी बढ़ोतरी की उम्मीद?
जनवरी 2025 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को 55% DA मिल रहा है। अगर जुलाई में इसमें 2 या 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है, तो यह 57% या 58% हो सकता है। मार्च 2025 तक के CPI आंकड़े (जनवरी 2025: 143.2, मार्च 2025: 143.0) स्थिरता दर्शाते हैं, लेकिन अप्रैल, मई और जून 2025 के CPI आंकड़ों पर नज़र रखनी होगी। इनमें हल्की भी बढ़ोतरी 58% तक DA दिला सकती है।
ये बढ़ोतरी आपके लिए क्या बदलेगी?
अगर आपकी बेसिक सैलरी ₹50,000 है और DA 55% से 58% हो जाता है, तो आपको हर महीने लगभग ₹1,500 ज़्यादा मिल सकते हैं। इसी तरह, पेंशनधारियों की पेंशन में भी उसी अनुपात में इज़ाफा होगा। यह एक स्थायी और हर महीने मिलने वाली बढ़ोतरी है, कोई वन टाइम बोनस नहीं।
DA बढ़ने से कई और फायदे भी होते हैं:
- हाउस रेंट एलाउंस (HRA) पर असर: कई बार जब DA 50% पार कर जाता है, तो HRA की भी समीक्षा होती है।
- पेंशन में वृद्धि: पुराने रिटायर्ड कर्मचारियों को भी DA बढ़ने का सीधा फायदा मिलता है।
- उपभोक्ता मांग बढ़ती है: लोगों की खरीदने की ताकत बढ़ती है, जिससे बाज़ार को भी फायदा होता है।
- त्योहारों में राहत: दिवाली जैसे सीज़न में जेब में ज़्यादा पैसा होने से खर्च करना आसान होता है।
8वां वेतन आयोग कब आएगा?
कर्मचारी अभी तक सातवें वेतन आयोग पर ही काम कर रहे हैं, जिसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 तक है। सामान्यतः अगला वेतन आयोग इसके एक साल पहले ही बना दिया जाता है, लेकिन अब तक 8वें वेतन आयोग की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। इससे कर्मचारियों में थोड़ी निराशा है, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि 1 जनवरी 2026 से नई सैलरी स्ट्रक्चर लागू हो जाएगी। अभी के हालात देखते हुए लगता है कि सरकार इसे टाल सकती है।
पेंशनर्स के लिए क्यों है ये और भी ज़रूरी?
पेंशनधारियों की आमदनी का एकमात्र ज़रिया उनकी पेंशन ही होती है। ऐसे में जब DA बढ़ता है, तो ये सीधे-सीधे उनके जीवन यापन पर असर डालता है। जिन्हें मेडिकल खर्च, दवाइयाँ, और घरेलू खर्च संभालने हैं – उनके लिए 2-3% की ये बढ़ोतरी भी काफी राहत लेकर आती है।
जुलाई 2025 में DA बढ़कर 58% तक पहुँच सकता है, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा। ऐसे समय में जब वेतन आयोग की अनिश्चितता है, DA ही एकमात्र भरोसा है जो हर छह महीने बाद जेब को कुछ राहत देता है।