17 और 18 फरवरी को आयोजित यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा के बाद पेपर लीक के दावे सोशल मीडिया पर वायरल हुए। इन दावों की जांच के लिए एक आंतरिक जांच समिति का गठन किया गया है। समिति का नेतृत्व एडीजी/सदस्य सचिव करेंगे। समिति प्रश्न पत्र लीक, छपाई त्रुटियां, देरी और प्रवेश पत्र में छेड़छाड़ की जांच करेगी। समिति अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने वाले अभ्यर्थियों की पहचान भी करेगी।
समिति की रिपोर्ट भविष्य में होने वाली परीक्षाओं को अधिक पारदर्शी बनाने में मदद करेगी।
परीक्षा के बाद पेपर लीक का मैसेज वायरल
रविवार को परीक्षा संपन्न होने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पेपर लीक होने का दावा किया। इसके बाद कई हैंडल, जिनमें से कुछ कोचिंग संस्थाओं के नाम वाले थे, ने भी पेपर लीक होने का दावा किया। भर्ती बोर्ड ने अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया है । बोर्ड ने कहा है कि वह प्रत्येक परीक्षा की पारदर्शिता और शुचिता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। बोर्ड यूपी पुलिस की मदद से वायरल हो रही असत्यापित खबरों की जांच करेगा।
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने विरोध किया
सोमवार को पेपर लीक की एफआईआर नहीं होने के विरोध में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने वैश्विक निवेश सम्मेलन के शिलान्यास समारोह में प्रदर्शन करने की घोषणा की। लखनऊ पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया और फिर घर पर छोड़ दिया।