नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 की घमासान अब पूरी तरह से अपनी चोटी पर है, और सभी प्रमुख पार्टियाँ प्रचार में पूरी ताकत झोंक रही हैं। भाजपा ने चुनावी प्रचार में अपने फायरब्रांड नेताओं को उतारने का फैसला किया है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की है। 23 जनवरी से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली में प्रचार में कूदने जा रहे हैं। इस बार भाजपा का पूरा ध्यान हिंदुत्व को लेकर वोट जुटाने पर है, जैसा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था।
सीएम योगी आदित्यनाथ का प्रचार अभियान
भा.ज.पा. के चुनावी प्रचार में योगी आदित्यनाथ की भूमिका अहम मानी जा रही है। वह लगभग 14 जनसभाओं को संबोधित करेंगे, जिसमें से 23 जनवरी को तीन जनसभाएं, 28 जनवरी और 30 जनवरी को चार-चार जनसभाएं, और 1 फरवरी को तीन जनसभाएं प्रस्तावित हैं। जानकारी के अनुसार, ये जनसभाएं मुख्य रूप से पूर्वी दिल्ली और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में होंगी। गौरतलब है कि मुस्तफाबाद जैसी सीटों पर भी उनका प्रचार होगा, जहां मुस्लिम आबादी अधिक है।
योगी आदित्यनाथ ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी फायरब्रांड छवि के साथ उत्तर प्रदेश में कई मुद्दों पर सरकार की नीतियों को मजबूती से पेश किया है। उनकी भाषा और रैलियों में हिंदुत्व, राममंदिर और सांस्कृतिक मुद्दे हमेशा प्रमुख रहे हैं। अब दिल्ली चुनाव में भी योगी आदित्यनाथ इन मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान में उतर रहे हैं।
हिंदुत्व पर जोर – मुद्दा वही, रणनीति नई!
दिल्ली में बीजेपी के प्रचार अभियान में हिंदुत्व एक अहम मुद्दा बन चुका है। जैसा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान देखा गया था, उसी तरह अब दिल्ली में भी भाजपा हिंदुत्व को अपनी रणनीति का हिस्सा बनाने जा रही है। इससे पहले ही चुनावी माहौल में भगवान श्रीराम, रामायण और रावण जैसे धार्मिक प्रतीकों की चर्चा हो चुकी है, जिससे यह साफ है कि भाजपा अपने प्रचार में धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी की रैलियाँ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन रैलियां भी दिल्ली में प्रस्तावित हैं। प्रधानमंत्री मोदी 29 जनवरी, 31 जनवरी और 2 फरवरी को दिल्ली में चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे।
- 29 जनवरी: पीएम मोदी की रैली उत्तर-पूर्वी दिल्ली के पुस्ता इलाके में होगी।
- 31 जनवरी: द्वारका में प्रधानमंत्री मोदी की दूसरी रैली।
- 2 फरवरी: तीसरी रैली दक्षिणी दिल्ली में होगी।
भा.ज.पा. का यह बड़ा प्रचार अभियान यह दर्शाता है कि दिल्ली का चुनाव किसी भी पार्टी के लिए आसान नहीं होगा, और सभी प्रमुख दल इस चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंकने जा रहे हैं।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की चुनौती
भा.ज.पा. की इस प्रचार रणनीति को देखते हुए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी अपनी पूरी ताकत झोंकने के लिए तैयार हैं। इन दलों के नेताओं ने भी अपनी चुनावी रणनीतियाँ तैयार कर ली हैं, जो हिंदुत्व के मुद्दे पर भाजपा से मुकाबला करने के लिए विशेष रूप से तैयार की गई हैं।
अंततः, दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 में सभी पार्टियों के लिए यह एक कठिन परीक्षा साबित हो सकता है, क्योंकि भाजपा के फायरब्रांड नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी अपनी छवि को स्थापित करने और मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाती दिख रही हैं।