अब निकाह हो या तलाक…हर मुस्लिम को कराना होगा रजिस्ट्रेशन; इस राज्य की सरकार ने विधेयक किया पास

Dharmender Singh Malik
2 Min Read

गुवाहाटी । अब से मुस्लिम समाज के लोगों के लिए शादी और तलाक का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। असम विधानसभा ने गुरुवार को एक विधेयक पारित किया, जिसके तहत मुस्लिम विवाह और तलाक का सरकारी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। इस विधेयक को ‘असम मुस्लिम विवाह और तलाक का अनिवार्य पंजीकरण विधेयक, 2024’ कहा जाएगा, जिसे मंगलवार को राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन मोहन ने पेश किया।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि इस कानून का मुख्य उद्देश्य बाल विवाह को रोकना और काजी सिस्टम को समाप्त करना है। पुराने काजी द्वारा किए गए विवाह के रजिस्ट्रेशन पहले की तरह मान्य रहेंगे, जबकि नए रजिस्ट्रेशन इस कानून के तहत होंगे।

See also  नए साल के जश्न में डूबा शहर:"DJ वाले बाबू मेरा गाना बजा दे' "ब्लू है पानी-पानी' पर जमकर थिरके युवा

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस कानून से इस्लामिक रीति-रिवाजों से होने वाली शादियों में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। बस, इस्लाम के द्वारा निषिद्ध विवाहों को रजिस्टर नहीं किया जाएगा।

इस विधेयक का उद्देश्य बाल विवाह और बिना दोनों पक्षों की सहमति के विवाह की रोकथाम करना है। जोगेन मोहन ने बताया कि यह कानून बहुविवाह को नियंत्रित करेगा, विवाहित महिलाओं को उनके अधिकारों को सुरक्षित रखने में मदद करेगा, और विधवाओं को उनके विरासत और अन्य लाभों का दावा करने का अधिकार देगा।

इसके अलावा, यह विधेयक पुरुषों को शादी के बाद पत्नी को छोड़ने से भी रोकने में मदद करेगा और विवाह संस्था को मजबूत बनाएगा। पहले मुस्लिम विवाह काजी द्वारा रजिस्टर किए जाते थे, लेकिन इस नए विधेयक के तहत सभी विवाह सरकारी रजिस्टर में शामिल होंगे।

See also  ब्रिटेन वीजा: युवा पेशेवर योजना के तहत तीन हजार भारतीयों को मिलेगा वीजा, सुनक सरकार ने लगाई मुहर

See also  नए साल के जश्न में डूबा शहर:"DJ वाले बाबू मेरा गाना बजा दे' "ब्लू है पानी-पानी' पर जमकर थिरके युवा
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment

Leave a Reply

error: AGRABHARAT.COM Copywrite Content.