चेन्नई, तमिलनाडु: रविवार सुबह एक गंभीर घटना ने चेन्नई एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मचा दी, जब स्पाइसजेट विमान की इमरजेंसी लैंडिंग के लिए पूर्ण आपातकाल घोषित किया गया। जानकारी के अनुसार, जयपुर से उड़ान भरने वाला स्पाइसजेट विमान SG9046 ने तड़के 4:55 बजे उड़ान भरी थी। हालांकि, उड़ान के कुछ समय बाद पायलट ने विमान में तकनीकी गड़बड़ी का पता लगाया और इस वजह से विमान की इमरजेंसी लैंडिंग का निर्णय लिया। विमान का पहिया नंबर 2 क्षतिग्रस्त था, जिसके कारण यह फैसला लिया गया।
सुबह 5:46 बजे विमान सुरक्षित रूप से रनवे-25 पर उतरा, जिससे यात्रियों और एयरपोर्ट कर्मचारियों ने राहत की सांस ली। विमान के यात्रियों के लिए यह घटनाक्रम न केवल चिंताजनक था, बल्कि विमान के इस तकनीकी खराबी के कारण एयरपोर्ट पर सुरक्षा उपायों को पूरी तरह से सक्रिय किया गया था।
यह घटना हाल के समय में विमान सुरक्षा से जुड़ी दूसरी महत्वपूर्ण घटना थी। इससे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विमान को भी आगरा एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी, क्योंकि विमान के ब्रेकिंग सिस्टम में खराबी पाई गई थी।
इसके अलावा, कुछ दिन पहले सऊदी अरब के दम्माम से हैदराबाद आ रही एक उड़ान में एक यात्री ने लैंडिंग के दौरान इमरजेंसी डोर खोलने की कोशिश की थी, जिससे एक बड़ी सुरक्षा चिंता पैदा हुई थी।
इमरजेंसी डोर खोलने के प्रयास से उत्पन्न हो सकता है बड़ा खतरा
अगर कोई यात्री विमान के दौरान इमरजेंसी डोर खोलने की कोशिश करता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। हालांकि, आधुनिक विमानों में सुरक्षा उपायों के कारण इस तरह के प्रयासों को असंभव बना दिया गया है, लेकिन फिर भी ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर जानलेवा स्थितियाँ पैदा हो सकती हैं।
कैबिन प्रेशर लॉस
जब विमान उड़ान भरता है, तो उसके अंदर का दबाव बाहरी वातावरण से कहीं अधिक होता है। यदि इमरजेंसी डोर किसी कारणवश खुल जाता है, तो केबिन प्रेशर अचानक घटने लगता है, जिससे यात्रियों और क्रू के उड़कर बाहर जाने का खतरा पैदा हो सकता है। इसके अलावा, ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से अगर प्रेशर खो जाता है, तो हाइपोक्सिया (ऑक्सीजन की कमी) जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है, जो यात्रियों के लिए घातक हो सकती है।