एकनाथ शिंदे की नाराजगी से फडणवीस की धड़कनें बढ़ी, शपथ से पहले शिवसेना विधायकों का वर्षा पर जमावड़ा”

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एकनाथ शिंदे की नाराजगी से फडणवीस की धड़कनें बढ़ी, शपथ से पहले शिवसेना विधायकों का वर्षा पर जमावड़ा"

मुंबई: महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल एक बार फिर से तेज हो गई है, क्योंकि आज देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं, लेकिन इससे ठीक पहले महायुति सरकार में सस्पेंस के बादल मंडरा रहे हैं। फडणवीस की ताजपोशी से पहले एकनाथ शिंदे की नाराजगी ने उन्हें और उनकी पार्टी के नेताओं को बेचैन कर दिया है। खासकर, शिवसेना के विधायकों का शिंदे से मिलने का सिलसिला तेज हो गया है, क्योंकि वे चाहते हैं कि एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम पद संभालें। शिंदे की मर्जी के बिना यह फैसला लेना महायुति सरकार के लिए एक चुनौती बन गया है।

क्या है मामला?

महाराष्ट्र में आज शाम साढ़े पांच बजे से महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह शुरू होने वाला है, जिसमें देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री और अजित पवार डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेंगे। लेकिन इससे पहले महायुति सरकार में खटपट बढ़ गई है। एकनाथ शिंदे, जो शिवसेना के असली नेता माने जाते हैं, डिप्टी सीएम बनने के लिए राजी नहीं हैं। यह मामला अब और उलझता नजर आ रहा है, क्योंकि शिवसेना के विधायक शिंदे से मिलने के लिए वर्षा स्थित उनके आवास पर जुट रहे हैं।

शिंदे क्यों नहीं बनना चाहते डिप्टी सीएम?

महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न हुए चुनावों के बाद, शिवसेना ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 57 सीटें जीती हैं, लेकिन इसके बावजूद एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम पद पर कार्य करने को लेकर उत्साहित नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक, शिंदे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह केवल मुख्यमंत्री बनने के इच्छुक हैं और डिप्टी सीएम के पद को लेकर कोई समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं। वे पहले भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और शायद इसी कारण उन्हें डिप्टी सीएम पद का प्रस्ताव स्वीकार नहीं हो रहा है।

शिवसेना के विधायकों की मांग

शिवसेना के विधायक और पार्टी के नेता इस समय शिंदे से मिलने के लिए उनके आवास वर्षा के बाहर जुट रहे हैं। पार्टी के विधायक यह चाहते हैं कि शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम का पद संभालें, क्योंकि उनका मानना है कि यही पार्टी की मजबूती के लिए बेहतर होगा। शिवसेना के विधायक उदय सामंत ने स्पष्ट रूप से कहा, “अगर एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम पद स्वीकार नहीं करते तो शिवसेना का कोई भी विधायक नई सरकार में कोई जिम्मेदारी नहीं लेगा।”

एकनाथ शिंदे का राजनीतिक दबाव

एकनाथ शिंदे का दबाव अब महायुति सरकार के भीतर साफ तौर पर महसूस किया जा सकता है। शिंदे के बंगले के बाहर शिवसैनिकों का जमावड़ा लग गया है, जो शिंदे को डिप्टी सीएम बनने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, शिंदे का मन नहीं बदल रहा है। यह भी जानकारी सामने आई है कि शिंदे के करीब 60 से 61 विधायक चाहते हैं कि वह सरकार का नेतृत्व करें।

शिवसेना-एनसीपी में मतभेद

शिवसेना और एनसीपी के बीच भी मतभेद बढ़ गए हैं, खासकर जब बात पोर्टफोलियो की आती है। एनसीपी के द्वारा जारी किए गए कार्ड में शिवसेना के उपमुख्यमंत्री का नाम नहीं था, जबकि शिवसेना ने अपने कार्ड में सिर्फ मुख्यमंत्री का नाम लिखा है। इससे यह साफ होता है कि दोनों पार्टियों के बीच इस मुद्दे पर असहमति है, जो सरकार के गठन के पहले एक बड़ा सिरदर्द बन सकता है।

महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण से पहले की यह खटपट यह दर्शाती है कि राजनीति में किसी भी निर्णय का असर सीधे तौर पर गठबंधन और सत्ता के समीकरण पर पड़ता है। एकनाथ शिंदे के डिप्टी सीएम पद को लेकर आपत्ति महायुति सरकार के लिए चुनौती बन सकती है। इसके साथ ही शिवसेना और एनसीपी के बीच के मतभेद भी सरकार की स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं। देखना होगा कि शिंदे इस राजनीतिक दबाव के बीच अपना निर्णय कब और क्या लेते हैं, और क्या महायुति सरकार के सामने यह पेच सुलझ पाया है या नहीं।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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