नहीं रहे मशहूर यक्षगान गायक बलिपा नारायण भागवत

Dharmender Singh Malik
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मुंबई । मशहूर यक्षगान गायक और पटकथा लेखक बलिपा नारायण भागवत ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। नारायण भागवत ने कर्नाटक में अपने आवास पर 84 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। गायक अपने पीछे तीन पुत्र माधव, शशिधर और शिवशंकर को छोड़ गए हैं। तीनों ही यक्षगान पार्श्व गायक हैं। उनकी पत्नी जयलक्ष्मी की मृत्यु भागवत से पहले हो गई थी।

भागवत के काफी प्रशंसक थे। उन्होंने अपने गायन की शैली में काफी महारत हासिल की थी, जिसकी वजह से प्रशंसकों ने इस बालिपा शैली का नाम दिया था। यह अन्य गायकों की तुलना में काफी अलग थी। भागवत ने 30 से अधिक यक्षगान प्रसंग (लिपियाँ) लिखी हैं। नारायण भागवत ने 60 से अधिक वर्षों तक यक्षगान कला की सेवा की। उन्होंने सबसे पहले पद्रे जटादारी मेला की शुरुआत की। वे यक्षगान के 50 से अधिक प्रसंगों को जानते थे, जिसमें 30 प्रकाशित हो चुके थे। उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

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बता दें बलिपा नारायण भागवत का जन्म 19 मार्च, 1938 को केरल के कासरगोड के पद्रे गांव में हुआ था। बाद में उनका पूरा परिवार मारुरु में रहने चला गया। वह यक्षगान कलाकारों के परिवार से थे। उन्होंने कतील दुर्गापरमेश्वरी यक्षगान मेले में कई वर्षों तक एक कलाकार के रूप में काम किया था। इसके अलावा उन्होंने यक्षगान के कई प्रसंगों और गीतों की रचना की थी।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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