जम्मू और कश्मीर: जम्मू और कश्मीर के गुलमर्ग में गोंडोला के टावर नंबर 1 की केबल तार टूटने से बड़ा हादसा हो गया है। इस दुर्घटना में 15 और 16 नंबर के पास लगभग 20 केबिन हवा में लटके हुए हैं, जिनमें 120 से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं। घटना के बाद से ही बचाव कार्य तेज़ी से चलाया जा रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि यह घटना तकनीकी खराबी के कारण हुई, जिससे गुलमर्ग गोंडोला का परिचालन अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई बड़ा खतरा नहीं है और गोंडोला सेवाओं को जल्द ही बहाल करने के प्रयास जारी हैं।
कैसे हुआ हादसा?
अधिकारियों के अनुसार, यह समस्या तब उत्पन्न हुई जब रस्सी पुली से फिसल गई, जिससे केबल कार प्रणाली पूरी तरह से रुक गई। इसके बाद, तुरंत इंजीनियरिंग टीम को मौके पर भेजा गया और रस्सी को पुली पर फिर से लगा दिया गया।
राहत-बचाव कार्य जारी
इस घटना के बाद, राहत-बचाव कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है। इंजीनियरिंग टीम इस समय सभी फंसे पर्यटकों को सुरक्षित रूप से उतारने का प्रयास कर रही है। अधिकारियों ने यह आश्वासन दिया कि यह स्थिति जल्द ही नियंत्रण में होगी और गोंडोला की सेवाएं जल्दी बहाल हो जाएंगी।
गुलमर्ग गोंडोला: विश्व की सबसे ऊंची केबल कार सेवा
गुलमर्ग गोंडोला, जो विश्व की सबसे ऊंची केबल कार सेवाओं में से एक मानी जाती है, पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है। यह केबल कार बेस स्टेशन को कोंगडोरी से जोड़ती है और इसके दूसरे चरण में यह अफरवत शिखर तक जाती है, जहां से हिमालय के शानदार दृश्य देखे जा सकते हैं।
2017 में हुआ था बड़ा हादसा
यह पहली बार नहीं है जब गुलमर्ग में गोंडोला के साथ हादसा हुआ हो। साल 2017 में भी एक दुर्घटना हुई थी, जिसमें केबल कार टूटने के कारण सात लोगों की मौत हो गई थी। उस हादसे में केबल कार जमीन पर गिर गई थी, जिसमें सवार सभी लोग मारे गए थे। यह दुर्घटना तूफान के दौरान एक पेड़ के उखड़ने के कारण हुई थी, जिससे केबल टूट गई थी। मृतकों में दो बच्चे भी शामिल थे।
गुलमर्ग में गोंडोला केबल कार यात्रा 4,100 मीटर (13,450 फीट) की ऊंचाई तक जाती है और इस समय यहां की बर्फ से ढकी सुंदरता पर्यटकों को आकर्षित करती है।
हालांकि हालात नियंत्रण में हैं और बचाव कार्य लगातार जारी है, फिर भी इस हादसे ने एक बार फिर सुरक्षा उपायों और निरीक्षण की महत्ता को उजागर किया है। पर्यटकों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को और भी सख्त कदम उठाने की जरूरत है।