खुशखबरी! आज सरकार लॉन्च करेगी Bharat Rice, अब 29 रुपये प्रति किलो मिलेगा चावल

Dharmender Singh Malik
4 Min Read

Bharat Rice 29 Rupee/Kg पिछले साल अनाज की कीमतों में 15 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। ऐसे में अनाज की कीमतों को काबू करने के लिए आज सरकार Bharat Rice लॉन्च करेगी। इसमें 29 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर चावल दिया जाएगा। Bharat Rice में सब्सिडी वाला चावल 5 किलो और 10 किलो के पैक में उपलब्ध होगा।

नई दिल्ली। भारत में चावल की खुदरा कीमतों में पिछले एक साल में तेजी देखने को मिली है। ऐसे में भारत सरकार उपभोक्ता को राहत देने के लिए रियायती दर पर चावल की बिक्री करना शुरू कर रही है। आज सरकार द्वारा Bharat Rice लॉन्च किया जाएगा।

इसमें उपभोक्ता को 29 रुपये प्रति किलोग्राम पर चावल दिया जाएगा। सब्सिडी वाला चावल 5 किलो और 10 किलो के पैक में उपलब्ध होगा। बता दें कि पिछले 1 साल में चावल की खुदरा कीमतों में 15 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिल रही है।

See also  Uniform Civil Code: बिना रजिस्ट्रेशन लिव-इन रिलेशनशिप में रहने पर होगी जेल!

भारत चावल को मिलेगा अच्छा रिजल्ट

खाद्य मंत्री पीयूष गोयल राष्ट्रीय राजधानी के कर्त्तव्य पथ पर भारत चावल लॉन्च करने वाले हैं। भारतीय खाद्य निगम (FCI) दो सहकारी समितियों, नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NAFED) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF) के साथ-साथ केंद्रीय भंडार को खुदरा श्रंख्ला 5 लाख टन चावल का फेस-1 शुरू करेगा।

5 किलो और 10 किलो के पैक में उपलब्ध होगा

ये एजेंसियां ​​चावल को 5 किलो और 10 किलो में पैक करेंगी और “भारत” ब्रांड के तहत अपने आउटलेट के माध्यम से खुदरा बिक्री करेंगी। चावल को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए भी बेचा जाएगा। खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के माध्यम से समान दर पर थोक उपयोगकर्ताओं को चावल की बिक्री के लिए फीकी प्रतिक्रिया मिलने के बाद सरकार ने एफसीआई चावल की खुदरा बिक्री का सहारा लिया है।

See also  वीआईपी सुरक्षा के बजट में बढ़ोत्तरी की

सरकार को उम्मीद है कि “भारत चावल” के लिए भी अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी, जैसा कि उसे “भारत आटा” के लिए मिल रहा है, जिसे समान एजेंसियों के माध्यम से 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम और “भारत चना” 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचा जा रहा है। निर्यात पर प्रतिबंध और 2023-24 में बंपर उत्पादन के बावजूद खुदरा कीमतें अभी भी नियंत्रण में नहीं आई हैं।

सरकार ने जमाखोरी रोकने के लिए खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, प्रोसेसरों और बड़ी खुदरा श्रृंखलाओं से अपने स्टॉक का खुलासा करने को कहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे समय में जब सरकार 80 करोड़ गरीब राशन कार्ड धारकों को मुफ्त एफसीआई चावल प्रदान करती है, उच्च मुद्रास्फीति एफसीआई चावल में नहीं हो सकती क्योंकि एफसीआई के पास भारी स्टॉक है और वह ओएमएसएस के माध्यम से अनाज बेचता है।

See also  Army Chopper Crashes in Arunachal Pradesh: सेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त, रेस्क्यू अभियान में लगे 3 चॉपर

इसलिए, मुद्रास्फीति संभवतः चावल की गैर-एफसीआई किस्मों से आ रही है, जिसका गरीबों द्वारा कम उपभोग किया जाता है और यह मुद्रास्फीति के रुझान के बारे में सही तस्वीर नहीं देता है।

See also  यूपी का पहला अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी उद्घाटन
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment

Leave a Reply

error: AGRABHARAT.COM Copywrite Content.