मानसून अपडेट: दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल में दी दस्तक, अब पूर्वोत्तर की ओर बढ़ रहा है
आईएमडी ने केरल में मानसून की घोषणा कैसे की?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) मानसून की शुरुआत का तब ऐलान करता है, जब मई के 10 तारीख के बाद कभी भी लगातार दो दिनों तक केरल के 14 केंद्रों और आसपास के इलाकों में कम से कम 2.5 मिलीमीटर बारिश होती है। साथ ही, आसमान से कम आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (ओएलआर) आना और हवाओं की दिशा दक्षिण-पश्चिम की ओर होना भी देखा जाता है।
मानसून समय से पहले केरल पहुंचा
दक्षिण-पश्चिम मानसून अनुमान से एक दिन पहले गुरुवार को केरल तट पर पहुंच गया। अब ये मानसून पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों की ओर बढ़ रहा है। भारत मौसम विभाग ने बताया था कि आगले 24 घंटों के दौरान केरल में मानसून आने के लिए परिस्थितियां अनुकूल रहेंगी। हालांकि, मौसम विभाग ने 15 मई को ही यह अनुमान लगाया था कि मानसून 31 मई तक केरल पहुंच जाएगा।
पूर्वोत्तर में जल्दी मानसून आने का कारण
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि रविवार को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से गुजरे चक्रवात रेमाल ने बंगाल की खाड़ी की ओर हवाओं को खींच लिया, यही वजह हो सकती है कि पूर्वोत्तर में मानसून जल्दी आ गया है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, केरल में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिसके चलते मई में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है।
पूर्वोत्तर राज्यों में मानसून का सामान्य आगमन
अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और असम में मानसून आमतौर पर पांच जून को आता है। आईएमडी ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों में दक्षिण अरब सागर के कुछ अन्य हिस्सों, मालदीव, लक्षद्वीप के बचे हुए हिस्सों, दक्षिण-पश्चिम और मध्य बंगाल की खाड़ी, पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में मानसून आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं।