भारत सरकार ने खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश के मामले में की जांच, कार्रवाई की सिफारिश

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भारत सरकार ने खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश के मामले में की जांच, कार्रवाई की सिफारिश

नई दिल्ली: खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश के मामले में अमेरिकी आरोपों के बाद भारत सरकार ने जांच समिति का गठन किया था। गृह मंत्रालय (एमएचए) के बयान के अनुसार, लंबी जांच के बाद समिति ने एक व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की है। हालांकि, मंत्रालय ने बयान में किसी भी शख्स का नाम नहीं बताया है, जिसके खिलाफ यह कार्रवाई की जाएगी।

2023 में गठित की गई थी जांच समिति

गृह मंत्रालय के बयान में यह भी बताया गया कि भारत और अमेरिका दोनों के सुरक्षा हितों को कमजोर करने वाले संगठित अपराध समूहों, आतंकवादी संगठनों, मादक पदार्थ तस्करों आदि की गतिविधियों के बारे में अमेरिकी अधिकारियों से जानकारी प्राप्त होने के बाद भारत सरकार ने नवंबर 2023 में एक जांच समिति गठित की थी।

समिति ने अमेरिका के आरोपों की जांच के साथ-साथ अपने प्रयासों को भी आगे बढ़ाया। इसमें अमेरिकी अधिकारियों द्वारा दिए गए सुरागों को अनुसरण किया गया और उन्हें अमेरिकी पक्ष से पूरा सहयोग मिला। जांच के दौरान दोनों देशों के अधिकारियों ने आपस में दौरे किए और संबंधित दस्तावेजों की गहन जांच की। इसके अलावा समिति ने विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों से आगे की पूछताछ की।

एक व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश

लंबी जांच प्रक्रिया के बाद समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। गृह मंत्रालय के अनुसार, समिति ने एक व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की है, जो इस मामले में शामिल था और जिसके आपराधिक संबंधों और पृष्ठभूमि का भी पता चला है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि कार्रवाई को जल्दी पूरा करने की सिफारिश की गई है, ताकि इस मुद्दे पर त्वरित रूप से निपटारा किया जा सके।

समिति ने इस मामले में प्रणालियों और प्रक्रियाओं में सुधार की सिफारिश की है, जिससे भारत की प्रतिक्रिया क्षमता मजबूत हो सके और इस तरह के मामलों से निपटने में व्यवस्थित नियंत्रण और समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

अमेरिका के आरोपों पर भारत सरकार की प्रतिक्रिया

इस मामले में अमेरिका के आरोपों के बाद भारत सरकार ने तुरंत कदम उठाए और उचित कार्रवाई सुनिश्चित की। यह घटना खालिस्तानी अलगाववादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ भारत की कड़ी कार्रवाई का प्रतीक है। सरकार ने इस कदम से यह साफ कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा और संप्रभुता से संबंधित मामलों में कोई भी समझौता नहीं करेगी।

भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते सुरक्षा सहयोग को देखते हुए इस मामले की जांच और कार्रवाई से दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने में मदद मिल सकती है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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