केन्द्र सरकार ने आईटी नियमों की समीक्षा करके नए नियम जारी कर दिए हैं. इन नए नियमों के अनुसार अब अगर कोई भी व्यक्ति या कंपनी कोई ऐसा कंटेट डालती है जो किसी भी प्रकार से आपत्तिजनक होगा तो उसे 72 घंटे के अंदर हटाना होगा. आईटी मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सभी प्रकार की शिकायतों को निपटाने के लिए एक अपीलीय अथॉरिटी का गठन भी किया गया है. तीन सदस्यीय ये कमेटी सभी प्रकार के मामलों को देखेगी और उनका निपटारा करेगी. सरकार की कोशिश इन नियमों में सुधार कर फेक न्यूज से लेकर अलग-अलग तरह के ऐसे कंटेट पर लगाम लगाना है जो किसी भी प्रकार के देश विरोधी या समाज विरोधी हैं.
क्या बोले आईटी मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर
केन्द्रीय आईटी मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार ने मूल रूप से तीन प्रकार के बदलाव किए हैं. जिनके बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि
1- पहला बदलाव ये किया है कि कोई भी कंटेट ऐसा हो जो विवाद पैदा करता हो, जो गलत जानकारी देता हो, तो उन्हें ये कंटेट हटाना पड़ेगा. और सरकार की ओर से कहा जाता है तो उन्हें 72 घंटे के अंदर इसे हटाना अनिवार्य होगा. अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
2- स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आप अमेरिका हो यूरोप हो या दुनिया के किसी भी देश की कंपनी हो कोई भी हमारे देश के नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करेगा. कोई भी प्लेटफॉर्म हमारे नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करेगा.
3- तीसरा प्रावधान हम लेकर आए हैं जो भी नागरिक अगर कोई शिकायत करेगा और उस पर कार्रवाई नहीं होती है तो वो सरकार की बनाई ग्रीवांस अपीलेट समिति जिसे सरकार बनाएगी वो समिति इसे डील करेगी.
क्या होगी जीएसी
सरकार ने सभी तरह के कंटेट और उनसे होने वाले विवादों को सुलझाने के लिए एक ग्रीवांस अपीलेट कमेटी बनाई है. जिसमें एक सदस्य सरकार का होगा और दो अन्य लोग भी होंगे. वो इस पूरे मामले में निगरानी करेगी. उन्होंने ये भी कहा कि अगर किसी को इस समिति के आदेश के खिलाफ किसी भी कोर्ट में जाने का पूरा अधिकार होगा. वो उच्च अदालत में जाकर उसे चुनौती दे सकता है. राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार चाहती है सभी लोग जो इंटरनेट से लेकर दूसरे तरह के कंटेट से जुड़े हैं वो मिलजुलकर काम करे.
72 घंटे से भी कम होना चाहिए समय
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि आज हमने जो नियम कायदों में सुधार किया है उसमें वीडियो या कंटेट को हटाने के लिए 72 घंटे का समय दिया गया है, लेकिन वो व्यक्तिगत तौर पर मानते हैं कि इस समय को और कम किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि ये समय कम हो.