1984 सिख विरोधी दंगों में सज्जन कुमार को दूसरी बार उम्रकैद की सजा, न्याय की ओर एक और कदम

Manisha singh
4 Min Read
1984 सिख विरोधी दंगों में सज्जन कुमार को दूसरी बार उम्रकैद की सजा, न्याय की ओर एक और कदम

नई दिल्ली: 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े सरस्वती विहार हिंसा के मामले में दोषी पाए गए कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दूसरी बार उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह सजा सज्जन कुमार को 1984 के दंगों के दौरान दिल्ली के सरस्वती विहार में हुए एक पिता-पुत्र की हत्या के मामले में दी गई है। सज्जन कुमार पहले भी दिल्ली कैंट मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।

सिख विरोधी दंगों का जख्म फिर ताजा

1984 में सिख विरोधी दंगों के दौरान दिल्ली के सरस्वती विहार में दो सिखों, जसवंत सिंह और उनके बेटे तरूणदीप सिंह की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। यह घटना 1 नवंबर 1984 को हुई थी और उस समय इसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस हत्याकांड से संबंधित एफआईआर उत्तरी दिल्ली के सरस्वती विहार थाने में दर्ज की गई थी, जो बाद में रंगनाथ मिश्रा आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे पर आधारित थी।

See also  अब निकाह हो या तलाक...हर मुस्लिम को कराना होगा रजिस्ट्रेशन; इस राज्य की सरकार ने विधेयक किया पास

कोर्ट में दर्ज हुईं पुलिस की दलीलें

दिल्ली पुलिस और पीड़ितों ने इस मामले को “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” श्रेणी में रखते हुए सज्जन कुमार के खिलाफ फांसी की सजा की मांग की थी। पुलिस ने कोर्ट में दी गई अपनी दलील में कहा था कि यह मामला निर्भया केस से भी कहीं ज्यादा गंभीर है, क्योंकि इस बार टारगेट एक महिला नहीं, बल्कि एक विशेष समुदाय के लोग थे। पुलिस ने इसे मानवता के खिलाफ अपराध करार दिया, और इस घटना ने समाज की चेतना को गहरे तरीके से झकझोर दिया।

सरस्वती विहार में पिता-पुत्र की हत्या

1 नवंबर 1984 को दिल्ली के सरस्वती विहार इलाके में जसवंत सिंह और उनके बेटे तरूणदीप सिंह की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस हत्या ने समाज को चौंका दिया था और इसके बाद देशभर में दंगों की लहर दौड़ गई थी। सज्जन कुमार पर आरोप था कि उन्होंने दंगों के दौरान सिखों के खिलाफ हिंसा भड़काई और इस घटना में सक्रिय भूमिका निभाई।

See also  BH नंबर प्लेट: अब गाड़ी ट्रांसफर की नो टेंशन! पाएं VIP जैसी सुविधाएं और बार-बार रजिस्ट्रेशन के झंझट से आज़ादी

सज्जन कुमार की सजा

राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में सज्जन कुमार को दूसरी बार उम्रकैद की सजा सुनाई है। इससे पहले वह दिल्ली कैंट मामले में भी उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। यह सजा एक तरह से सिख विरोधी दंगों में उनकी भूमिका को लेकर अदालत का निर्णायक कदम है। सज्जन कुमार के खिलाफ यह सजा उस समय आई है जब देशभर में सिख समुदाय के खिलाफ हुए अत्याचारों के लिए न्याय की मांग लगातार की जा रही थी।

दंगों के बाद का समाज

1984 के सिख विरोधी दंगे मानवता के खिलाफ एक काला अध्याय बन गए हैं। इस दौरान सिखों के खिलाफ बड़ी हिंसा हुई, जिसमें सैंकड़ों निर्दोष लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। यह दंगे न केवल एक समुदाय को निशाना बनाए, बल्कि उन्होंने पूरे देश की सांस्कृतिक और सामाजिक धारा को भी प्रभावित किया। इन दंगों ने भारतीय समाज में गहरी खाइयाँ पैदा कीं, जिनका असर आज भी महसूस किया जाता है।

See also  नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में चलेंगी पीएम ई बसें

 

See also  Manipur : मणिपुर में 55 करोड़ रुपये की ब्राउन शुगर जब्त, म्यांमार के दो तस्कर दबोचे
Share This Article
Follow:
Granddaughter of a Freedom Fighter, Kriya Yoga Practitioner, follow me on X @ManiYogini for Indic History and Political insights.
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement