ईरान-इजरायल युद्ध के दुष्प्रभाव से भारत भी अछूता नहीं; इधर शेयर बाजार में उथल-पुथल; महंगाई भी बढ़ चली

Dharmender Singh Malik
3 Min Read

आगरा: कल रात इजरायल पर ईरान के हमले ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है। इस संघर्ष का असर न केवल मध्य पूर्व के देशों पर, बल्कि भारत जैसे देशों पर भी पड़ने की संभावना है। विशेष रूप से, कच्चे तेल की कीमतों में संभावित वृद्धि और महंगाई की समस्याएँ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकती हैं।

कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि

भारत, जो अपने कच्चे तेल का 80 प्रतिशत आयात करता है, इस संघर्ष से प्रभावित होने वाला पहला देश होगा। कल रात के हमले के बाद, कच्चे तेल की कीमतों में चार प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। ब्रेंट फ्यूचर का रेट 3.5 प्रतिशत बढ़कर 74.2 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जबकि अमेरिका का वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड ऑइल 3.7 प्रतिशत बढ़कर 70.7 डॉलर प्रति बैरल हो गया है।

See also  The Forgotten Martyr Who Challenged Article 370- Dr. Syama Prasad Mookerjee’s Mysterious Death and Undying Legacy

महंगाई का प्रभाव स्पष्ट रूप से देश के आम नागरिकों पर पड़ेगा। चूंकि भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों का सीधा असर दैनिक आवश्यक वस्तुओं, जैसे दूध और सब्जियों, के दामों पर पड़ता है, ऐसे में इस युद्ध का असर हर वर्ग के लोगों पर महसूस किया जाएगा।

शेयर बाजार पर प्रभाव

भारत का शेयर बाजार भी अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों से अछूता नहीं रहता। हाल के हमले के बाद, अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरावट आई है, जिसमें एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट जैसे बड़े कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है। इससे भारतीय शेयर बाजार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है, जिससे निवेशकों में अनिश्चितता का माहौल बन सकता है।

See also  देश में 10 साल में बैंक ब्रांच बढ़ी ले‎किन कर्मचारी घटे

आरबीआई की मौद्रिक नीति

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति की आगामी बैठक में रेपो रेट में कटौती का निर्णय महत्वपूर्ण होगा। अगले फेस्टिव सीजन में मांग बढ़ाने के लिए आरबीआई को संतुलन बनाना होगा। महंगाई और अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए, यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण होगी।

ईरान-इजरायल युद्ध के कारण होने वाली आर्थिक उथल-पुथल से भारत भी प्रभावित होने वाला है। महंगाई, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर चुनौतियाँ पेश कर सकती हैं। इसके परिणामस्वरूप, आम नागरिकों की जीवनशैली पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। भारत को इस स्थिति से निपटने के लिए सूझ-बूझ से कदम उठाने की आवश्यकता है।

See also  आगरा में उच्च न्यायालय की पीठ की स्थापना: वकीलों के आंदोलनों के बावजूद, सरकार की निष्क्रियता

 

 

 

 

See also  The Forgotten Martyr Who Challenged Article 370- Dr. Syama Prasad Mookerjee’s Mysterious Death and Undying Legacy
TAGGED:
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement