नई दिल्ली। कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की कोशिश के बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है। पिछले एक हफ्ते में तीन अलग-अलग जगहों पर ट्रेनों को डिरेल करने की कोशिश की गई है। 23 दिनों के भीतर कानपुर के आसपास तीन बार ट्रेनों को पटरी से उतारने की साजिश की गई। इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS), और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) द्वारा की जा रही है।
रेलवे की चिंता बढ़ी
पिछले एक हफ्ते में देश के विभिन्न हिस्सों में तीन बार ट्रेन को पटरियों से उतारने की कोशिश की गई। इसके अलावा, दो बार पथराव की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि रेल सेवाओं के खिलाफ कोई बड़ी साजिश की जा रही है। रेलवे ने संवेदनशील स्थानों पर निगरानी बढ़ा दी है, खासकर वंदे भारत ट्रेन पर पथराव की घटनाओं के मद्देनजर।
पिछले साल से अब तक 17 मामले
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जून 2023 से अब तक 17 मामले सामने आ चुके हैं, जहां पटरियों के साथ छेड़छाड़ की गई है। हाल ही में सोलापुर, जबलपुर समेत कई स्थानों पर ट्रेनों को पलटाने की कोशिश की गई है।
पाकिस्तानी आतंकी का वीडियो
पाकिस्तानी आतंकी फरहतुल्लाह घोरी ने हाल ही में एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उसने अपने समर्थकों को ट्रेनों को पटरी से उतारने की अपील की है। कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस के ट्रैक पर सिलेंडर, पेट्रोल, और माचिस मिलने से यह संकेत मिलता है कि यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है।
पटरी उड़ाने की योजना
कानपुर-कासगंज रेलवे ट्रैक पर एलपीजी सिलेंडर रखने की घटना ने जांचकर्ताओं को चौंका दिया है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि रेलवे ट्रैक को उड़ाने और ट्रेन को नुकसान पहुंचाने की योजना बनाई गई थी। अब तक 14 लोगों को हिरासत में लिया गया है और ATS, IB, और NIA इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं।
23 दिनों में तीन बड़ी साजिशें
कानपुर के नजदीक पिछले 23 दिनों में तीन बार ट्रेन को डिरेल करने की कोशिश की गई है। 24 अगस्त को फर्रुखाबाद में ट्रैक पर लकड़ी का टुकड़ा रखा गया, जिससे ट्रेन का इंजन टकरा गया। 16 अगस्त को झांसी में साबरमती एक्सप्रेस पटरी से उतरी। और 9 सितंबर को बिल्हौर के पास कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश की गई।
अजमेर में भी साजिश
राजस्थान के अजमेर में भी मालगाड़ी को पलटाने की योजना बनाई गई थी। 8 सितंबर को पटरियों पर सीमेंट के ब्लॉक रखे गए थे, जिनके कारण जांच शुरू की गई है। देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार पटरियों पर लकड़ी, लोहे के टुकड़े, पत्थर, और सिग्नल से छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आ रही हैं।