क्या डूब रहा है भारत का आईटी सेक्टर? 80 हजार की छंटनी और 72% कम हुई भर्तियां

Gaurangini Chaudhary
Gaurangini Chaudhary - Content writer
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क्या डूब रहा है भारत का आईटी सेक्टर? 80 हजार की छंटनी और 72% कम हुई भर्तियां

नई दिल्ली: वैश्विक तकनीकी उद्योग (Global Tech Industry) में आ रहे बड़े बदलाव भारतीय आईटी सेक्टर के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। साल 2025 में, भारत का 73 लाख लोगों वाला आईटी सेक्टर भारी दबाव का सामना कर रहा है। छंटनी और भर्तियों में आई भारी गिरावट इस बात का संकेत दे रही है कि यह सेक्टर मुश्किल दौर से गुजर रहा है।

 

आईटी कंपनियों पर बढ़ता दबाव

 

ब्रोकरेज फर्म कोटक इंस्टीट्यूशन इक्विटीज के मुताबिक, बड़ी भारतीय आईटी कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में पहली बार गिरावट दर्ज की है। यह जून 2020 के बाद पहली बार हुआ है, जब इस सेक्टर को इतने बड़े झटके का सामना करना पड़ रहा है।

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भर्तियों में भारी गिरावट और छंटनी का सिलसिला जारी

  • भर्तियों में कमी: वित्तीय वर्ष 2022 में जहां 10 लाख से अधिक भर्तियां हुई थीं, वहीं उसके बाद के सालों में यह संख्या लगातार कम होती गई। वित्तीय वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में सिर्फ 13,935 भर्तियां हुईं, और अनुमान है कि 2026 में यह आंकड़ा 72% तक गिर सकता है।
  • अनुभवी कर्मचारियों की छंटनी: छंटनी का असर अनुभवी पेशेवरों पर भी पड़ रहा है। पिछले साल, 15 साल से अधिक अनुभव वाले 7,700 पेशेवरों को नौकरी से निकाला गया है।

 

वैश्विक छंटनी का भारतीय कनेक्शन

 

भारत की आईटी कंपनियां इस संकट से अकेले नहीं जूझ रही हैं। दुनियाभर की बड़ी टेक कंपनियों ने बड़े पैमाने पर छंटनी की है। इंटेल ने अपने 20% कर्मचारियों को, माइक्रोसॉफ्ट ने 15,000, टीसीएस ने 12,000 और मेटा, गूगल, और अमेज़न ने 20,000 से 25,000 नौकरियों को खत्म कर दिया है। इसके अलावा, कई छोटे स्टार्टअप्स ने भी 5,000 से 8,000 कर्मचारियों को निकाला है।

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छंटनी का कारण: AI और आर्थिक दबाव

 

इस छंटनी के पीछे मुख्य कारण आर्थिक दबाव (Economic Pressure) और कंपनियों का पुनर्गठन (Restructuring) है, लेकिन सबसे बड़ा कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का तेजी से बढ़ता प्रभाव है। AI और ऑटोमेशन के कारण रूटीन और मिड-लेवल की भूमिकाएं तेजी से खत्म हो रही हैं, जिससे बेरोजगारी बढ़ रही है।

 

भविष्य की राह: रीस्किलिंग

 

इस चुनौतीपूर्ण दौर में, रीस्किलिंग (Reskilling) ही एकमात्र समाधान है। जहां पारंपरिक आईटी नौकरियां खत्म हो रही हैं, वहीं एआई इंजीनियरिंग, डेटा साइंस, और साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में नए अवसर पैदा हो रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जो लोग नई स्किल्स नहीं अपनाएंगे, वे इस एआई के दौर में पीछे छूट जाएंगे।

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रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2025 में छंटनी का आंकड़ा 100,000 तक पहुँचने की उम्मीद है, जिसका मतलब है कि जॉब पर खतरा अभी टला नहीं है।

 

 

 

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