नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मुख्य आरोपी संजय रॉय का झूठ आज बेनकाब हो सकता है। कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में चल रहे लाई डिटेक्टर टेस्ट से कई राज खुल सकते हैं। इससे पहले शनिवार को पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत चार लोगों का पॉलीग्राफ परीक्षण किया गया। सीबीआई ने संजय रॉय और मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल समेत सात लोगों के लाई डिटेक्टर टेस्ट की अनुमति मांगी थी।
संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट
संजय रॉय का लाई डिटेक्टर टेस्ट कोलकाता के प्रेसीडेंसी जेल में चल रहा है, जिससे उनकी सच्चाई सामने आ सकती है। अधिकारियों ने बताया कि आज दिन में दो और लोगों का टेस्ट कोलकाता स्थित सीबीआई कार्यालय में किया जाएगा। शनिवार को पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष सहित चार लोगों का पॉलीग्राफ परीक्षण हुआ।
जांच में सहायता
हालांकि, लाई डिटेक्टर टेस्ट को अदालत में सबूत के रूप में पेश नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके निष्कर्ष सीबीआई को आगे की जांच के लिए दिशा प्रदान करेंगे। दिल्ली स्थित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से आए पॉलीग्राफ विशेषज्ञों की टीम इस परीक्षण को अंजाम दे रही है।
गिरफ्तारी और सीसीटीवी फुटेज
कोलकाता पुलिस ने 10 अगस्त को संजय रॉय को गिरफ्तार किया। इससे एक दिन पहले, मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में 31 वर्षीय डॉक्टर का शव मिला था। सीसीटीवी फुटेज और ब्लूटूथ डिवाइस के आधार पर संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें कॉलेज के सेमिनार हॉल में प्रवेश करते देखा गया था, जहां सुबह करीब 4 बजे शव मिला था।