सुप्रीम कोर्ट 7 जजों की बेंच का गठन करेगा, पीवी नरसिम्हा राव मामले में फैसले की समीक्षा करेगा

Dharmender Singh Malik
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Sunplus

सुप्रीम कोर्ट ने 1998 के पीवी नरसिम्हा राव मामले में दिए गए फैसले की समीक्षा के लिए 7 जजों की संवैधानिक पीठ का गठन किया है। इस मामले में यह तय किया जाएगा कि क्या कोई सांसद या विधायक सदन में भाषण देने या वोट देने के लिए क्रिमिनल केस में छूट का दावा कर सकता है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्य सीता सोरेन पर 2012 के राज्यसभा चुनाव में एक विशेष उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था। सीबीआई ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। सीता सोरेन ने इस मामले में संविधान के अनुच्छेद 194(2) का हवाला दिया, जो सांसदों को सदन में की गई बातों या दिए गए वोटों के लिए मुकदमा चलाने से छूट देता है।

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हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद सीता सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले को 7 जजों की संवैधानिक पीठ के पास भेज दिया।

इस मामले में दो पक्ष हैं। एक पक्ष का तर्क है कि सांसदों को सदन में की गई बातों या दिए गए वोटों के लिए मुकदमा चलाने से छूट दी जानी चाहिए, ताकि वे बिना किसी डर के अपनी बात कह सकें और अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।

दूसरे पक्ष का तर्क है कि यह छूट सांसदों को भ्रष्टाचार और अन्य अपराधों से बचने का मौका देती है। इस मामले में यह तय किया जाएगा कि कौन सा पक्ष सही है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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