22 साल पुराने मामले में आया फैसला
अहमदाबाद। अहमदाबाद के मोटेरा स्थित आश्रम की शिष्या के साथ दुष्कर्म के मामले में गांधीनगर सेशन कोर्ट ने आसाराम को आजीवन करावास की सजा सुनाई है। अतरिक्त सत्र न्यायाधीश डीके सोनी ने शिष्या से दुष्कर्म के मामले में आसाराम को सजा सुनाई। पीड़ित शिष्या ने 2013 में आसाराम सहित सात अन्य के खिलाफ अक्तूबर 2013 में एफआईआर दर्ज करावा दी थी। एक दिन पहले कोर्ट ने सोमवार को मामले में अन्य छह आरोपियों को निर्दोष करार देकर आसाराम पर आरोप तय कर दोषी माना था। कोर्ट में आसाराम को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था। आसाराम फिलहाल जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद है।
शिष्या से दुष्कर्म का यह मामला 22 साल पुराना है। 2001 में सूरत स्थित आश्रम में शिष्या के साथ दुष्कर्म के मामले में अक्तूबर 2013 को एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद से मामले की सुनवाई गांधीनगर की सेशन कोर्ट में चल रही थी। सेशन कोर्ट ने 29 जनवरी को मामले में अन्य छह आरोपियों को निर्दोष करार देकर आसाराम बापू को दोषी करार दिया था। सेशन कोर्ट ने आसाराम को सेक्शन के तहत दोषी करार दिया पाया था। इस मामले की एफआईआर अहमदाबाद के चांदखेड़ा थाने में दर्ज हुई थी। इसके बाद मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी ने आसाराम सहित छह अन्य के खिलाफ जनवरी 2014 में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें 101 गवाहों के बयान भी दर्ज किए थे।
पीड़िता के अनुसार गुरुपूर्णिमा के दिन आसाराम ने मुझे वक्ता के रूप में चुना था। इसके बाद आसाराम के फार्महाउस शांति वाटिका में मुझे बुलाया गया। आश्रम का एक अन्य व्यक्ति मुझे आसाराम के फार्म हाउस ले गया। जहां आसाराम ने हाथ-पैर धोकर मुझे कमरे के अंदर बुलाया। बाद में मुझे एक कटोरी घी मंगवाने को कहा। इसके बाद आसाराम ने सिर की मालिश करने को कहा। मालिश करते समय ही आसाराम ने गंदी हरकतें शुरू कर दीं। मैंने भागने की कोशिश की लेकिन आसाराम ने मुझे समर्पण करने को मजबूर किया। इसके बाद आसाराम ने जबरन दुष्कर्म के बाद अप्राकृतिक दुष्कर्म भी किया।
आसाराम दुष्कर्म के एक अन्य मामले में जोधपुर जेल में बंद है। कोर्ट ने 16 साल की बच्ची के दुष्कर्म के मामले को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। पिछले 10 साल से जेल में बंद आसाराम की उम्र 80 साल से ज्यादा हो चुकी है।