अप्रैल महीने की शुरुआत होते ही, देश में कई बड़े बदलाव लागू हो गए हैं। इनमें से कुछ बदलाव नागरिकों को राहत देने वाले हैं, जबकि कुछ में चुनौतियाँ भी हो सकती हैं। इन बदलावों का सीधा असर आम नागरिकों, करदाताओं, और कर्मचारियों पर पड़ेगा। आइए जानते हैं 1 अप्रैल से लागू हुए इन महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में विस्तार से:
1. LPG सिलेंडर की कीमतों में कटौती
आज से अप्रैल माह के पहले दिन से, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कटौती की है। दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों में 19 किलोग्राम वाले कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में 41 रुपये (दिल्ली) और 44.50 रुपये (कोलकाता) की कमी आई है। हालांकि, 14 किलोग्राम वाले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह कटौती उपभोक्ताओं के लिए राहत का संदेश लेकर आई है, खासकर छोटे व्यवसायों के लिए जो एलपीजी पर निर्भर हैं।
2. ₹12 लाख तक की आय पर अब टैक्स फ्री
नए टैक्स स्लैब के तहत, 1 अप्रैल 2025 से सालाना ₹12 लाख तक कमाने वालों को इनकम टैक्स से छूट मिल जाएगी। यह बदलाव खासतौर पर मिडिल क्लास के लिए राहत देने वाला साबित हो सकता है। इसके अलावा, वेतनभोगी कर्मचारियों को 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगी, जिससे 12.75 लाख रुपये तक की आय अब टैक्स से मुक्त हो जाएगी। इस नई प्रणाली के तहत केवल वे लोग ही टैक्स में छूट का लाभ उठा सकेंगे जो नया टैक्स विकल्प चुनेंगे। पुराने टैक्स नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
3. TDS नियमों में बदलाव
TDS (Tax Deducted at Source) के नियमों में भी 1 अप्रैल से बदलाव किए गए हैं। अब वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर TDS की सीमा बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है, जिससे बुजुर्गों के लिए वित्तीय सुरक्षा में सुधार हो सकता है। इसके अलावा, किराये की आय पर TDS की छूट की सीमा ₹6 लाख सालाना कर दी गई है, जिससे मकान मालिकों को राहत मिलेगी और शहरी क्षेत्रों में किराये के बाजार को बढ़ावा मिलेगा।
4. यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की शुरुआत
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि 1 अप्रैल से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू कर दी गई है। इस नई योजना के तहत, केंद्रीय कर्मचारी अपनी पेंशन को लेकर विकल्प चुन सकते हैं। इस योजना में न्यूनतम पेंशन ₹10,000 प्रति माह होगी, जो दस साल की सर्विस पूरी करने के बाद दी जाएगी। केंद्र सरकार, UPS को चुनने वाले कर्मचारियों के (बेसिक सैलरी + महंगाई भत्ता) का अनुमानित 8.5% अंशदान भी करेगी।
5. बैंक अकाउंट से जुड़े बड़े बदलाव
1 अप्रैल से भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), और अन्य बैंकों ने अपने सेविंग अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस से जुड़ी शर्तों में बदलाव कर दिए हैं। अब विभिन्न सेक्टरों के हिसाब से न्यूनतम बैलेंस की सीमा तय की जाएगी। अगर ग्राहक इन नई सीमा को पूरा नहीं करते हैं, तो उन्हें फाइन देना पड़ सकता है। इसके कारण ग्राहकों को अपने बैंक खातों का बैलेंस सही रखने में सतर्क रहना होगा।
6. कारों के दाम बढ़े
इस महीने की पहली तारीख से कई प्रमुख कंपनियों ने अपनी कारों की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की है। मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, हुंडई, महिंद्रा, और रेनो जैसी कंपनियों ने अपने वाहनों की कीमतों में 2% से 4% तक की बढ़ोतरी की है। कंपनियों का कहना है कि यह वृद्धि इनपुट कॉस्ट और कच्चे माल की कीमतों में इजाफे के कारण की गई है। इसके अलावा, ऑपरेशनल कॉस्ट का भी इस बढ़ोतरी में योगदान है।
7. टोल टैक्स में बढ़ोतरी
साथ ही, रिपोर्ट्स के अनुसार, देश के कई हाईवे पर टोल टैक्स दरों में भी बढ़ोतरी की जा रही है। यह बढ़ोतरी यात्रा करने वाले नागरिकों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव डाल सकती है। टोल टैक्स में वृद्धि का उद्देश्य सड़क विकास और रखरखाव के लिए जरूरी फंड जुटाना है।