नई दिल्ली: अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने जब से भारत के सबसे बड़े कारोबारी समूह अदाणी ग्रुप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झूठे आरोप लगाए थे, तब से यह मुद्दा लगातार विवादों में रहा है। हाल ही में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अचानक अपनी कंपनी बंद करने का ऐलान किया, जिससे न केवल भारतीय निवेशकों को एक बड़ा झटका लगा, बल्कि कई सवाल भी खड़े हो गए हैं। हिंडनबर्ग की इस कार्रवाई के बाद, एडवोकेट जय अनंत देहद्राई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी राय जाहिर की और इसे एक सुनियोजित साजिश करार दिया।
हिंडनबर्ग का बंद होना: एक सुनियोजित साजिश?
एडवोकेट जय अनंत देहद्राई ने हिंडनबर्ग के बंद होने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इसे केवल मुनाफे का मामला नहीं, बल्कि भारत को अस्थिर करने की एक सुनियोजित साजिश बताया। उनका कहना था कि हिंडनबर्ग का यह कदम प्रधानमंत्री मोदी, अदाणी ग्रुप और भारतीय बाजार नियामक SEBI (Securities and Exchange Board of India) पर हमले के रूप में था, जिसका उद्देश्य भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना था।
देहद्राई ने लिखा, “हिंडनबर्ग का बंद होना, ट्रंप के शपथ ग्रहण से कुछ दिन पहले, यह स्पष्ट करता है कि यह हमला केवल मुनाफे के लिए नहीं था। यह एक सुनियोजित साजिश थी, जिसका उद्देश्य भारत की अर्थव्यवस्था में अस्थिरता पैदा करना था।”
साजिश में शामिल भारतीय चेहरों की पहचान होनी चाहिए
जय अनंत देहद्राई ने इस मामले में भारतीय चेहरों की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने यह सवाल उठाया कि भारत के खिलाफ इस साजिश में कौन लोग शामिल थे? देहद्राई ने विशेष रूप से एक पूर्व सांसद के नाम का उल्लेख करते हुए उनकी जांच की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि उन लोगों की गहन जांच की जानी चाहिए जिन्होंने इस पूरे साजिश में भारतीय हितों के खिलाफ काम किया।
“अब समय आ गया है कि हम उन भारतीय चेहरों की पहचान करें जिन्होंने इस साजिश को अंजाम देने में भूमिका निभाई। यह समझने की आवश्यकता है कि इन व्यक्तियों के पैसे के स्रोत क्या थे, और क्या ये लोग दुनिया के खतरनाक आपराधिक नेटवर्क से जुड़े थे,” देहद्राई ने कहा।
साजिश का मास्टरमाइंड: क्या कोई अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन है?
देहद्राई ने यह भी सवाल किया कि इस साजिश का मास्टरमाइंड कौन हो सकता है और क्या इसके पीछे किसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साजिश रचने वालों का हाथ था? उन्होंने यह कहा कि इस पूरे मामले की गहन जांच होनी चाहिए ताकि इस साजिश के पीछे की असली सच्चाई सामने आ सके।
भारत में साजिश के बाद की स्थिति
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट्स ने भारत के शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव पैदा किया था, खासकर अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में। हिंडनबर्ग द्वारा किए गए आरोपों में यह कहा गया था कि अदाणी समूह ने धोखाधड़ी की है और उसकी वित्तीय स्थिति को छिपाया है। इन आरोपों के बाद अदाणी समूह ने इसका खंडन किया और इसे झूठा बताया। हालांकि, इस रिपोर्ट के बाद भारतीय निवेशकों के बीच डर और घबराहट फैल गई, जिससे भारतीय शेयर बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा।
सुप्रीम कोर्ट और SEBI की जांच
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट और SEBI ने भी सख्त रुख अपनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और इस पर गहरी जांच की आवश्यकता जताई थी। इसके बाद, SEBI ने भी भारतीय बाजारों में अव्यवस्था फैलाने के आरोपों की जांच शुरू की थी।