हाल ही में संसद द्वारा पारित तीन विधेयकों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को मंजूरी दे दी। इन विधेयकों के कानून बनने से भारतीय कानून व्यवस्था में बड़े बदलाव होंगे।
भारतीय न्याय संहिता:
- आईपीसी की 511 धाराओं को घटाकर 358 कर दिया गया है।
- 20 नए अपराध शामिल किए गए हैं।
- 33 अपराधों में सजा अवधि बढ़ाई गई है।
- 83 अपराधों में जुर्माने की रकम बढ़ाई गई है।
- 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान किया गया है।
- छह अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता:
- सीआरपीसी की 484 धाराओं को घटाकर 531 कर दिया गया है।
- 177 प्रावधान बदले गए हैं।
- नौ नई धाराएं और 39 उपधाराएं जोड़ी हैं।
- 35 धाराओं में समय सीमा तय की गई है।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम:
- पहले वाले कानून में 167 प्रावधान थे।
- नए कानून में 24 प्रावधान बदले गए हैं।
- इन विधेयकों के कानून बनने से भारतीय कानून व्यवस्था में निम्नलिखित बदलाव होंगे:
- अपराधियों को सजा देने के बजाय न्याय देने पर फोकस किया गया है।
- महिलाओं और बच्चों के अधिकारों को मजबूत किया गया है।
- सामाजिक और आर्थिक अपराधों को भी गंभीरता से लिया जाएगा।
- कानून प्रवर्तन और न्याय व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।