पुणे: महाराष्ट्र कर्मचारी चयन आयोग (MPSC) की भर्ती परीक्षा में ठगी करने की एक बड़ी कोशिश को पुणे पुलिस ने नाकाम कर दिया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने एमपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों से कथित रूप से 40 लाख रुपये में परीक्षा का प्रश्नपत्र बेचने का वादा किया था।
ठगी की बड़ी साजिश का खुलासा
रविवार को पुणे पुलिस ने जानकारी दी कि आरोपियों ने महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) परीक्षा के उम्मीदवारों को फोन करके उन्हें ₹40 लाख में प्रश्नपत्र देने की पेशकश की थी। हालांकि, पुलिस ने कहा कि अब तक किसी भी प्रकार का कोई सबूत नहीं मिला है, जिससे यह साबित हो सके कि प्रश्नपत्र लीक हुआ था।
तीन आरोपी गिरफ्तार
पुणे पुलिस की अपराध शाखा ने शनिवार को तीन आरोपियों – दीपक गयाराम गायधाने, सुमित कैलास जाधव, और योगेश सुरेंद्र वाघमारे को गिरफ्तार किया। पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) निखिल पिंगले ने बताया कि इन तीनों आरोपियों ने एमपीएससी की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों से संपर्क किया था और उन्हें 40 लाख रुपये में परीक्षा का प्रश्नपत्र देने का झांसा दिया था।
शिकायत के बाद शुरू हुई जांच
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एमपीएससी सचिव सुवर्णा खरात ने शुक्रवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में बताया गया कि कुछ प्रतियोगी परीक्षा के उम्मीदवारों को एक अज्ञात फोन नंबर से कॉल आया था, जिसमें फोन करने वाले ने उन्हें ₹40 लाख में प्रश्नपत्र देने की पेशकश की थी। इसके बाद पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की और कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
क्या था ठगी का प्लान?
पुलिस के अनुसार, तीनों आरोपियों ने करोड़ों रुपये की ठगी करने का प्लान तैयार किया था। पुलिस ने 24 छात्रों की एक सूची भी बरामद की है, जिन्हें आरोपियों ने फोन किया था या उनसे संपर्क करने वाले थे। इन छात्रों से पैसे लेकर आरोपियों का इरादा था कि वे उन्हें परीक्षा के प्रश्नपत्र देने के नाम पर ठग सकें।
मामले में कानूनी कार्रवाई
अब तक की जांच के अनुसार, एमपीएससी परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने का कोई भी सबूत सामने नहीं आया है। हालांकि, पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता और महाराष्ट्र प्रतियोगी परीक्षा अधिनियम की धारा 62, 318(4), 353 1(B) और अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
आगे की जांच जारी
पुलिस इस मामले की आगे जांच कर रही है, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस तरह की ठगी के प्रयासों को पूरी तरह से नाकाम किया जाए। इस घटना ने एमपीएससी भर्ती परीक्षा की संवेदनशीलता को उजागर किया है और इसे पूरी सुरक्षा के साथ संचालित करने की जरूरत को सामने रखा है।
संपूर्ण मामले में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।