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रक्षा में आत्मनिर्भरता की नई उड़ान! राजनाथ सिंह ने AMCA कार्यक्रम को दी हरी झंडी, भारत बनाएगा 5वीं पीढ़ी का स्वदेशी स्टील्थ लड़ाकू विमान

Manasvi Chaudhary
9 Min Read
रक्षा में आत्मनिर्भरता की नई उड़ान! राजनाथ सिंह ने AMCA कार्यक्रम को दी हरी झंडी, भारत बनाएगा 5वीं पीढ़ी का स्वदेशी स्टील्थ लड़ाकू विमान

नई दिल्ली: भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक दिन रहा, जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महत्वाकांक्षी उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) कार्यक्रम को विशेष मंजूरी प्रदान की। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को मजबूत करने और देश की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है।

उद्योग साझेदारी के साथ बढ़ेगा स्वदेशीकरण

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को वैमानिकी विकास एजेंसी (ADA) उद्योगों की साझेदारी के साथ लागू करेगी। इसमें निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को समान अवसर मिलेंगे, जिससे भारत के एयरोस्पेस उद्योग को अभूतपूर्व बढ़ावा मिलेगा।

मुख्य बिंदु:

  • आत्मनिर्भर भारत: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा AMCA कार्यक्रम को मंजूरी, जो स्वदेशी रक्षा क्षमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएगा।
  • उद्योग साझेदारी: वैमानिकी विकास एजेंसी (ADA) निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ मिलकर AMCA विकसित करेगी, जिससे प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण को बल मिलेगा।
  • समान अवसर: निजी और सार्वजनिक कंपनियां स्वतंत्र रूप से, संयुक्त उद्यम (Joint Venture) के रूप में या कंसोर्टिया (कई कंपनियों का समूह) के रूप में बोली लगा सकती हैं, जिससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित होगी।
  • स्वदेशी विमान: AMCA भारत का पहला 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान होगा, जो भारतीय वायुसेना (IAF) की मारक क्षमता को कई गुना बढ़ाएगा।
  • प्रक्रिया: ADA जल्द ही AMCA के विकास चरण के लिए रुचि पत्र (EoI) जारी करेगी, जो कंपनियों को इस प्रतिष्ठित परियोजना में भाग लेने का अवसर देगा।

AMCA क्या है? भारत का भविष्य का लड़ाकू विमान

उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया जा रहा भारत का 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान है। यह विमान अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगा, जो इसे वैश्विक स्तर पर सबसे उन्नत लड़ाकू विमानों की श्रेणी में खड़ा करेगा:

  • स्टील्थ तकनीक: यह रडार से बचने की अभूतपूर्व क्षमता रखेगा, जिससे दुश्मन इसे आसानी से पकड़ नहीं पाएंगे और यह दुश्मन के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ करने में सक्षम होगा।
  • सुपरक्रूज़: यह विमान बिना आफ्टरबर्नर (अतिरिक्त ईंधन जलाने) के ध्वनि की गति से अधिक (सुपरसोनिक) उड़ान भरने की क्षमता रखेगा, जिससे यह तेजी से प्रतिक्रिया दे सकेगा।
  • उन्नत सेंसर और हथियार: यह अत्याधुनिक रडार, लंबी दूरी की मिसाइलों और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों से लैस होगा, जो इसे बहु-भूमिका (मल्टी-रोल) विमान बनाएगा।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI): AI आधारित प्रणालियां स्वचालित निर्णय लेने और नेटवर्क-केंद्रित युद्ध (नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर) में मदद करेंगी, जिससे पायलटों को बेहतर स्थितिजन्य जागरूकता मिलेगी।
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AMCA को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की ADA द्वारा विकसित किया जा रहा है। इसका मुख्य लक्ष्य भारतीय वायुसेना को 2030 तक एक विश्वस्तरीय स्वदेशी विमान देना है, जिससे राफेल या सुखोई जैसे आयातित विमानों पर हमारी निर्भरता काफी कम हो जाएगी।

AMCA कार्यक्रम का अभिनव कार्यान्वयन मॉडल

रक्षा मंत्री ने AMCA के विकास के लिए एक नए कार्यान्वयन मॉडल को मंजूरी दी है, जो भारत के रक्षा विनिर्माण परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा:

  • उद्योग साझेदारी: ADA इस कार्यक्रम को निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ मिलकर चलाएगी। यह मॉडल स्वदेशी तकनीकी विशेषज्ञता और क्षमता का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करेगा, साथ ही नए नवाचारों को बढ़ावा देगा।
  • समान अवसर: निजी और सार्वजनिक कंपनियां स्वतंत्र रूप से, संयुक्त उद्यम (Joint Venture) या कंसोर्टिया (कई कंपनियों का समूह) के रूप में बोली लगा सकती हैं। बोली लगाने वाली सभी कंपनियों को भारतीय कानूनों का सख्ती से पालन करना होगा।
  • प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया: सभी कंपनियों को समान मौका मिलेगा और उनका चयन पूरी तरह से प्रतिस्पर्धा के आधार पर होगा, जिससे सर्वश्रेष्ठ तकनीकों और क्षमताओं का चुनाव सुनिश्चित होगा।
  • रुचि पत्र (EoI): ADA जल्द ही AMCA के विकास चरण के लिए एक एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) जारी करेगी, जिसके तहत भारतीय कंपनियां अपनी भागीदारी के लिए आवेदन कर सकेंगी।
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यह मॉडल भारत के एयरोस्पेस उद्योग को एक नई दिशा देगा और निजी कंपनियों, जैसे HAL, टाटा, L&T और अन्य को बड़े रक्षा प्रोजेक्ट्स में सक्रिय रूप से शामिल होने का अभूतपूर्व मौका मिलेगा।

AMCA की अद्वितीय खासियतें

AMCA भारत का पहला 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा, जिसमें कई उन्नत और अद्वितीय विशेषताएं होंगी:

  • वजन और आकार: यह मध्यम वजन वर्ग (लगभग 25 टन) का विमान होगा, जो राफेल और सुखोई जैसे भारी लड़ाकू विमानों से छोटा, लेकिन अधिक तेज और चपल होगा।
  • रेंज और गति: इसकी रेंज 1,000 किमी से अधिक होगी और यह मैक 1.8+ की गति से उड़ान भरने में सक्षम होगा, जो इसे लंबी दूरी के मिशन और तीव्र प्रतिक्रिया के लिए उपयुक्त बनाता है।
  • हथियार: यह हवा से हवा में मार करने वाली, हवा से जमीन पर मार करने वाली, और विशेष रूप से स्टील्थ मिसाइलों (जैसे अस्त्र और ब्रह्मोस-एनजी) से लैस होगा, जो इसकी मारक क्षमता को बढ़ाएगा।
  • इंजन: शुरुआत में इसमें अमेरिकी GE F414 इंजन का उपयोग किया जाएगा, लेकिन बाद के चरणों में भारत स्वदेशी AL-51 इंजन विकसित करेगा, जो पूर्ण आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
  • उन्नत रडार: इसमें AESA (Active Electronically Scanned Array) रडार लगा होगा, जो एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और पायलट को बेहतर स्थितिजन्य जानकारी प्रदान कर सकता है।
  • लो-ऑब्जर्वेबल डिज़ाइन: इसका विशेष डिज़ाइन रडार क्रॉस-सेक्शन को कम करने के लिए तैयार किया गया है, जिससे यह दुश्मनों के रडार पर मुश्किल से दिखाई देगा और इसे एक सच्चा स्टील्थ विमान बनाएगा।

AMCA का विकास और समयरेखा

AMCA का विकास दो प्रमुख चरणों में होगा:

  • Mk1 संस्करण: इसमें 5वीं पीढ़ी की बुनियादी स्टील्थ क्षमताएं होंगी, जिसके लिए GE F414 इंजन का उपयोग किया जाएगा। इसका पहला प्रोटोटाइप 2027 तक उड़ान भर सकता है, जो भारत के लिए एक मील का पत्थर होगा।
  • Mk2 संस्करण: यह एक उन्नत संस्करण होगा, जिसमें स्वदेशी इंजन और अधिक AI-आधारित तकनीकें होंगी। इस संस्करण के 2030 के बाद तैयार होने की उम्मीद है, जिससे भारत की तकनीकी क्षमताएं और मजबूत होंगी।
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ADA ने पहले ही AMCA के डिज़ाइन को अंतिम रूप दे दिया है। अब उद्योग साझेदारी के साथ प्रोटोटाइप निर्माण शुरू होगा। 2030 तक भारतीय वायुसेना में AMCA की पहली स्क्वाड्रन शामिल होने की उम्मीद है, जिससे हमारी वायुसेना को एक नई शक्ति मिलेगी।

रणनीतिक महत्व: भारत के लिए गेम-चेंजर

AMCA कार्यक्रम भारत की रक्षा और रणनीतिक क्षमताओं के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा:

  • आत्मनिर्भरता: यह आयातित विमानों पर भारत की निर्भरता को नाटकीय रूप से कम करेगा। यह भारत के एयरोस्पेस उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा और ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देगा।
  • चीन और पाकिस्तान का जवाब: AMCA चीन के J-20 और पाकिस्तान के प्रोजेक्ट AZM जैसे 5वीं पीढ़ी के विमानों का मुकाबला करने में सक्षम होगा, जिससे क्षेत्र में भारत की हवाई श्रेष्ठता सुनिश्चित होगी।
  • आर्थिक लाभ: निजी और सार्वजनिक कंपनियों की भागीदारी से देश में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे समग्र अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
  • निर्यात की संभावना: AMCA की सफलता भारत को लड़ाकू विमानों के एक प्रमुख निर्यातक देश के रूप में स्थापित कर सकती है, जिससे हमारी रक्षा कूटनीति मजबूत होगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की यह मंजूरी भारत को एक वैश्विक रक्षा शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए देश को तैयार करेगा।

 

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