जम्मू/श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में गुरुवार देर रात और शुक्रवार तड़के हुए सिलसिलेवार धमाकों से स्थानीय आबादी में कोई दहशत नहीं है। बल्कि, उनका अटूट विश्वास भारतीय सेना पर और मजबूत हुआ है, जो हर मोर्चे पर दुश्मनों को करारा जवाब दे रही है।
बीती रात जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में अचानक तेज धमाकों की आवाजों से लोगों की नींद जरूर टूटी, लेकिन उन्होंने तुरंत समझदारी और धैर्य का परिचय दिया। एक स्थानीय नागरिक ने घटना का जिक्र करते हुए कहा, “जैसे ही हमने रात का खाना शुरू किया, बाहर जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी। पहले तो लगा कि कुछ सामान्य होगा, लेकिन थोड़ी देर बाद फिर एक और धमाका हुआ। सुबह करीब 4:30 बजे दोबारा धमाकों की आवाजें आईं, लेकिन हमारी बहादुर सेना ने तुरंत कार्रवाई करते हुए स्थिति को पूरी तरह से काबू में ले लिया।”
स्थानीय लोगों ने अपनी दृढ़ता और सेना पर अपने भरोसे का इजहार करते हुए कहा कि सुरक्षा बल पूरी तरह से सतर्क हैं और हालात पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि डरने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि भगवती माता वैष्णो देवी जम्मू में विराजमान हैं और उनका आशीर्वाद हमेशा उनके साथ है। उन्होंने पाकिस्तान की सेना की कायराना हरकतों की निंदा करते हुए कहा कि जो लोग आम नागरिकों पर छिपकर हमला करते हैं, वे कायर होते हैं। पाकिस्तानी सेना में इतनी हिम्मत नहीं है कि वह भारतीय सैनिकों से सीधी लड़ाई कर सके, इसलिए वह इस तरह की लड़ाई का सहारा लेती है।
स्थानीय लोगों ने भारतीय सेना की बहादुरी और त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि हमारी सेना हर हमले का करारा जवाब दे रही है और हमें उस पर गर्व है। उन्होंने दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हुए कहा, “हम डटे हुए हैं, न डरेंगे, न झुकेंगे। हमारे सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के चलते आतंकियों की हर साजिश नाकाम हो रही है।” धमाकों के तुरंत बाद, स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे इलाके को घेर लिया और व्यापक तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, इन धमाकों में किसी भी प्रकार की जनहानि की कोई खबर नहीं है।
शुक्रवार सुबह जम्मू शहर में भी जोरदार धमाकों की आवाजें गूंजीं, जिसके बाद तत्काल पूरे इलाके में ब्लैकआउट हो गया। यह घटना भारत द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए जा रहे सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के प्रयासों को विफल करने के कुछ ही घंटों बाद हुई। स्थानीय लोगों ने आसमान में मिसाइलों को उड़ते हुए देखा और सायरन की आवाजें सुनीं। अधिकारियों ने बताया कि सुबह 3:50 से 4:45 बजे के बीच धमाकों की आवाजें सुनाई दीं, लेकिन सतर्क सुरक्षा बलों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए खतरे को बेअसर कर दिया।
रात भर नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम उल्लंघन की भी खबरें आईं, क्योंकि पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ, राजौरी और जम्मू जिलों में लगातार गोलीबारी और गोलाबारी की, जिसका भारतीय सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। जम्मू के डिप्टी कमिश्नर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट साझा करते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर, क्षेत्र में सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय एहतियातन बंद कर दिए गए हैं।
गौरतलब है कि भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित आतंकियों के ठिकानों पर मिसाइल हमलों के बाद पाकिस्तान बुरी तरह से बौखलाया हुआ है। इसी बौखलाहट में उसने भारत के उत्तरी और पश्चिमी इलाकों में ड्रोन और मिसाइल हमले करने की नाकाम कोशिश की, जिसे भारतीय वायुसेना और शक्तिशाली एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने सफलतापूर्वक विफल कर दिया।
भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने आतंक के आकाओं को गहरी चोट पहुंचाई है। भारतीय खुफिया एजेंसियों से मिली पुख्ता जानकारी के आधार पर यह ऑपरेशन चलाया गया था, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल जैसे खूंखार आतंकी संगठनों के 9 ठिकानों को सटीक निशाना बनाते हुए तबाह कर दिया गया था। इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तानी सेना और सरकार बुरी तरह से हिल गई है और इसी हताशा में वह सीमा पर इस तरह की कायराना हरकतें कर रही है, जिसे भारतीय सेना हर बार विफल कर रही है। जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोगों का भारतीय सेना पर अटूट विश्वास इस मुश्किल घड़ी में देश की एकता का प्रतीक है।
