रिटायर्ड कर्नल को डिजिटल अरेस्ट किया, ठग लिए 3.41 करोड़ रुपए

Gaurangini Chaudhary
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रिटायर्ड कर्नल को डिजिटल अरेस्ट किया, ठग लिए 3.41 करोड़ रुपए

चंडीगढ़ में एक बेहद चौंकाने वाली ठगी की घटना सामने आई है, जिसमें एक 82 वर्षीय रिटायर्ड कर्नल और उनकी पत्नी को 9 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके कुल 3.41 करोड़ रुपए ठग लिए गए। यह मामला कर्नल दिलीप सिंह बाजवा और उनकी पत्नी रणविंदर कौर बाजवा से जुड़ा है, जो चंडीगढ़ के सेक्टर-2 में रहते हैं। दंपति ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

ठगी का तरीका

18 मार्च को दंपति के पास एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से कॉल आया, जिसमें उन्हें बताया गया कि नरेश गोयल नामक व्यक्ति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में है और उसके पास से 247 एटीएम कार्ड मिले हैं, जिनमें एक कार्ड उनके नाम का है। इस कार्ड पर 20 लाख रुपये का लेन-देन हुआ था। इसके बाद, दंपति को यह बताया गया कि उनका नाम इस मामले से जुड़ा हुआ है और उन्हें अरेस्ट किया जा सकता है।

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19 मार्च को फिर से एक अंतरराष्ट्रीय कॉल आई, जिसमें फर्जी सुप्रीम कोर्ट का लेटर भेजकर दंपति को डराया गया और बताया गया कि उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं। यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल अरेस्ट के नाम पर चल रही थी। ठगों ने दंपति से पूरी जानकारी हासिल की, जिसमें बैंक बैलेंस, संपत्ति के दस्तावेज, और घर में पड़े सोने के बारे में सब कुछ लिया।

डिजिटल अरेस्ट का झांसा

कर्नल दिलीप ने बताया कि उन्हें 27 मार्च को वीडियो कॉल के जरिए एक फर्जी कोर्ट रूम दिखाया गया, जिसमें जज, पुलिस अधिकारी और आरोपी दिखाई दे रहे थे। जज ने उन्हें बताया कि उनकी बेल गारंटीड है, लेकिन इसके लिए 2 करोड़ रुपये का बेल वारंट भरना होगा। कर्नल ने जब जवाब दिया कि उनके पास पैसे नहीं हैं, तो जज ने उन्हें किसी भी तरीके से पैसे इकट्ठा करने की सलाह दी।

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ठगों ने कर्नल को एक ओर वीडियो कॉल के दौरान सुप्रीम कोर्ट का डर दिखाते हुए ₹8,00,000 ट्रांसफर करवा लिए। कुल मिलाकर, पांच अलग-अलग खातों में कुल 3.41 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। इस दौरान, ठगों ने कर्नल को धमकी दी कि अगर उन्होंने पुलिस या किसी को यह बात बताई तो उनकी इज्जत और सेना का नाम खराब हो जाएगा, साथ ही उन्हें देशद्रोह के आरोप में फंसाने का भी डर दिखाया गया।

ठगी का अहसास और पुलिस को जानकारी

कर्नल ने बाद में कुछ रिश्तेदारों से पैसे उधार लेने की कोशिश की, लेकिन उन रिश्तेदारों ने उन्हें बताया कि यह एक डिजिटल ठगी है। इसके बाद, कर्नल ने कुछ वकीलों से संपर्क किया और ठगी का अहसास होने के बाद 28 मार्च को थाने में शिकायत दर्ज कराई।

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पुलिस कार्रवाई और फ्रीज की गई राशि

चंडीगढ़ पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और अब तक जो ट्रांजैक्शन हुए हैं, उनमें से केवल ₹6,50,000 ही पुलिस ने फ्रीज किए हैं। बाकी राशि फ्रॉड करने वालों ने चेक के माध्यम से देश के विभिन्न बैंकों से निकाल ली है।

पुलिस की अपील

चंडीगढ़ पुलिस की एसपी गीतांजलि खंडेलवाल ने आम जनता से अपील की है कि वे डिजिटल अरेस्ट जैसी फर्जी कॉल्स से बचें और ऐसी कॉल्स मिलने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें। उन्होंने कहा कि डिजिटल अरेस्ट नाम का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है और लोगों को ऐसे ठगों के झांसे में नहीं आना चाहिए।

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