जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले पर ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने इस कृत्य को कायरतापूर्ण बताते हुए आतंकवाद के नापाक इरादों पर कड़ा प्रहार किया है।
अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा किए गए एक संदेश में सदगुरु ने कहा कि आतंकवाद का प्राथमिक उद्देश्य युद्ध छेड़ना नहीं, बल्कि समाज को भय और आतंक से पंगु बना देना है। आतंकी आम नागरिकों के बीच दहशत फैलाना चाहते हैं और उन्हें आपस में बांटकर अराजकता की स्थिति पैदा करना चाहते हैं। उनका लक्ष्य देश की आर्थिक प्रगति को बाधित करना और हर स्तर पर अशांति उत्पन्न करना है।
सदगुरु ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि हम अपने देश की संप्रभुता को अक्षुण्ण बनाए रखना और उसे मजबूत करना चाहते हैं, तो ऐसे अराजक तत्वों से सख्ती से और दृढ़ संकल्प के साथ निपटना होगा।
धार्मिक तौर पर फैलाया गया आतंकवाद खतरनाक
सदगुरु ने धार्मिक आधार पर फैलाए जा रहे आतंकवाद को दुनिया में हिंसा का सबसे खतरनाक रूप बताया। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति संपत्ति, धन या किसी अन्य सांसारिक लाभ के लिए हिंसा करता है, उसके साथ बातचीत करना संभव हो सकता है, क्योंकि वह जीवन को महत्व देता है। लेकिन जो व्यक्ति अपने ईश्वर के लिए और उसके नाम पर आतंकवाद फैलाता है और खुद भी मरने के लिए तैयार रहता है, वह तार्किक सोच से परे चला जाता है और उसके साथ किसी भी प्रकार की बातचीत करना अत्यंत कठिन हो जाता है।
सदगुरु ने देश की आर्थिक मजबूती पर जोर देते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने सदियों तक गरीबी और भुखमरी से संघर्ष किया है। अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएं और विकास के पथ पर अग्रसर रखें। उन्होंने कहा कि यही सही समय है जब हमें देश विरोधी ताकतों से एकजुट होकर मुकाबला करना होगा। जो लोग महिलाओं, बच्चों और आम नागरिकों के खिलाफ हथियार उठाते हैं, उनके साथ कठोरता से निपटा जाना चाहिए।
एकजुटता पर दें ध्यान
सदगुरु ने आतंकवाद से उत्पन्न चुनौतियों के दीर्घकालिक समाधानों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में शिक्षा का समान वितरण, आर्थिक अवसर, रोजगार और सभी के कल्याण के लिए काम करना दीर्घकालिक रूप से महत्वपूर्ण है। सामाजिक-आर्थिक विकास को हर व्यक्ति तक पहुंचाना होगा ताकि युवा आतंकवाद की ओर आकर्षित न हों।
उन्होंने वर्तमान स्थिति पर जोर देते हुए कहा कि धर्म, जाति, पंथ या राजनीतिक संबद्धता के सभी संकीर्ण विभाजनों से ऊपर उठकर एक राष्ट्र के रूप में एकजुट खड़ा होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सभी स्तरों पर अपने सुरक्षा बलों को उनके कर्तव्यों का पालन करने में पूर्ण सहयोग देने का आह्वान किया। सदगुरु ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।