अहमदाबाद: 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट ने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, विमान के दोनों इंजन टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद अपने-आप बंद हो गए थे, जिसके कारण यह भयावह दुर्घटना हुई। इस हादसे में कुल 260 लोगों की मौत हो गई थी।
AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट में इंजन में ईंधन की आपूर्ति बंद होने जैसी कई महत्वपूर्ण बातों की ओर इशारा किया गया है। हालांकि, जांच ब्यूरो ने स्पष्ट किया है कि यह एक प्रारंभिक रिपोर्ट है और हादसे की विस्तृत जांच अभी भी जारी है।
इंजनों में अचानक बंद हुई ईंधन आपूर्ति
AAIB की रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया के प्लेन ने सुबह करीब 8 बजकर 8 मिनट पर 180 नॉट्स की अधिकतम इंडिकेटेड एयरस्पीड हासिल की थी। इसके ठीक बाद अचानक दोनों इंजन के फ्यूल कट-ऑफ स्विच, जो इंजन को ईंधन भेजते हैं, ‘रन’ से ‘कटऑफ’ पोजीशन में चले गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह घटना सिर्फ 1 सेकंड के अंतराल पर हुई, जिससे इंजनों में ईंधन आना बंद हो गया। हालांकि, इस घटना के पीछे का अंतिम कारण अभी तक सामने नहीं आया है।
पायलटों के बीच की बातचीत ने चौंकाया
AAIB की जांच रिपोर्ट में कॉकपिट में पायलटों के बीच हुई बातचीत का भी खुलासा हुआ है। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) के अनुसार, एक पायलट ने दूसरे से पूछा, “तुमने इंजन क्यों बंद किया?” इस सवाल के जवाब में दूसरे पायलट ने कहा, “मैंने कुछ नहीं किया।” दोनों पायलटों के बीच की यह बातचीत स्पष्ट रूप से बताती है कि ईंधन कटऑफ किसी भी पायलट द्वारा जानबूझकर नहीं किया गया था। यह रहस्य और भी गहराता जा रहा है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ।
रैप एयर टर्बाइन (RAT) भी नहीं बचा पाया
बताया गया है कि विमान के स्वचालित सिस्टम ने आपातकालीन स्थिति को समझते हुए खुद-ब-खुद मदद करने की कोशिश की। रैम एयर टर्बाइन (RAT) यानी आपातकालीन पंखा और APU (Auxiliary Power Unit) जैसी प्रणालियों को सक्रिय करने के बावजूद भी प्लेन को क्रैश होने से नहीं बचाया जा सका। जानकारी के मुताबिक, RAT तभी बाहर निकलता है जब प्लेन में बिजली आपूर्ति में दिक्कत आती है। इसका सीधा मतलब है कि इंजन बंद होने के कारण प्लेन की मुख्य बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई थी।
RAT दोनों इंजन या बिजली आपूर्ति बंद होने, या फिर हाइड्रोलिक विफलता की स्थिति में खुद ही सक्रिय हो जाता है। यह प्लेन को ऊंचाई बनाए रखने में मदद करता है और बिजली पैदा करने के लिए हवा की गति का उपयोग करता है।
260 लोगों की दर्दनाक मौत
12 जून को एयर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान (उड़ान AI 171) अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में क्रैश हो गया था। इस भीषण हादसे में विमान में सवार 241 लोगों सहित कुल 260 लोगों की मौत हो गई। हालांकि, इस दर्दनाक घटना में एक यात्री चमत्कारिक रूप से जिंदा बच गया था। प्लेन में सवार 242 लोगों में 12 क्रू के सदस्य थे। यात्रियों में 169 भारतीय नागरिक, 53 ब्रिटिश नागरिक, एक कनाडाई नागरिक और 7 पुर्तगाली नागरिक शामिल थे।
यह प्रारंभिक रिपोर्ट कई सवाल खड़े करती है और अंतिम जांच रिपोर्ट का इंतजार है ताकि इस भयावह हादसे के पीछे के सटीक कारणों का पता चल सके।
