प्रधानमंत्री मोदी ने 25 फरवरी को गुजरात के द्वारका में सुदर्शन सेतु का उद्घाटन किया। यह केबल ब्रिज ओखा को समुद्र के बीच बसे बेट द्वारका से जोड़ता है। 2.32 किलोमीटर लंबा यह पुल, भारत का सबसे लंबा केबल ब्रिज है।
2016 में मंजूरी मिली थी
इस पुल के निर्माण को 2016 में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मंजूरी मिली थी। प्रधानमंत्री मोदी ने सात अक्तूबर, 2017 को ओखा और बेट द्वारका को जोड़ने वाले पुल की आधारशिला रखी थी। पहले इसकी अनुमानित लागत 962 करोड़ रुपये थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ा दिया गया।
सुदर्शन सेतु के बारे में खास बातें:
- 979 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित
- ओखा-बेट द्वारका सिग्नेचर ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है
- द्वारकाधीश मंदिर में आने वाले निवासियों और तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण
- चार लेन वाले 27.20 मीटर चौड़े ब्रिज पर दोनों तरफ 2.50 मीटर चौड़े फुटपाथ
- अद्वितीय डिजाइन, जिसमें श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सजा हुआ फुटपाथ
- फुटपाथ के ऊपरी हिस्से पर सौर ऊर्जा के पैनल, जिससे एक मेगावाट बिजली पैदा होगी
- द्वारकाधीश मंदिर तक पहुंचने में आसानी, तीर्थयात्रियों के समय की बचत
- डेक कंपोजिट स्टील-रिइनफोर्स्ड कंक्रीट से बना
- द्वारका के प्रमुख पर्यटक आकर्षण के रूप में काम करेगा
सुदर्शन सेतु, द्वारका और बेट द्वारका के बीच संपर्क में सुधार लाएगा, द्वारकाधीश मंदिर तक पहुंच को आसान बनाएगा, और द्वारका के पर्यटन को बढ़ावा देगा।

