महागठबंधन के नेतृत्व वाले दलों को ओबीसी और दलित जातियों के बीच समर्थन बढ़ा

Dharmender Singh Malik
2 Min Read

बिहार जाति सर्वेक्षण से पता चलता है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को गठबंधन की जरूरत है

बिहार सरकार द्वारा कराए गए जाति सर्वेक्षण से पता चला है कि भाजपा के पारंपरिक सहयोगी, जैसे जदयू और लोजपा, अपने-अपने जाति समूहों के बीच जमीन खो रहे हैं। इससे भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनावों में नए गठबंधन तलाशने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।

सर्वेक्षण से पता चला है कि जदयू के नेतृत्व वाले अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के समर्थन में गिरावट आई है। वहीं, लोजपा को भी अपने कुशवाहा जनाधार में कमी का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी ओर, महागठबंधन के नेतृत्व वाले दलों, जैसे राजद, कांग्रेस और वामपंथी दलों, को ओबीसी और दलित जातियों के बीच अपना समर्थन बढ़ा है।

See also  कैंसर पीड़ित के लिए सिद्दू की पत्नी के किये अपने बाल दान, बॉय कट लुक में आई नजर

भाजपा के लिए यह एक चिंता का विषय है, क्योंकि ओबीसी बिहार में सबसे बड़ा मतदाता समूह है। 2020 के विधानसभा चुनावों में, ओबीसी मतदाताओं ने भाजपा और उसके सहयोगियों को 40% से अधिक वोट दिए थे।

सर्वेक्षण के नतीजों से यह संकेत मिलता है कि भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनावों में जीत हासिल करने के लिए नए गठबंधन तलाशने की जरूरत हो सकती है। पार्टी अपने मौजूदा सहयोगियों के साथ संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ नए सहयोगियों को भी अपनी ओर खींचने की कोशिश कर सकती है।

यह देखा जाना बाकी है कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए किस तरह की गठबंधन रणनीति अपनाती है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि पार्टी को अपने मौजूदा सहयोगियों पर निर्भर रहने के बजाय नए सहयोगियों की तलाश करनी होगी।

See also  ईटानगर: चाची ने नाबालिग को 2 लाख में बेचा, पुलिस ने बचाया
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment