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पाकिस्तान आतंकियों का समर्थक, कश्मीर हिंसा अस्वीकार्य; अमेरिका ने किया भारत का समर्थन

Manasvi Chaudhary
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आगरा: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते गंभीर तनाव और हाल ही में पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले पर संयुक्त राज्य अमेरिका ने एक कड़ा बयान जारी किया है। अमेरिका ने खुलकर पाकिस्तान पर आतंकवादी संगठनों को लंबे समय से समर्थन देने का आरोप लगाया है और स्पष्ट रूप से कहा है कि वह इस मुद्दे पर दशकों से अपनी स्थिति स्पष्ट करता रहा है।

अमेरिकी विदेश विभाग ने कश्मीर में हुई हालिया हिंसा को “अवैध और पूरी तरह से अस्वीकार्य” करार देते हुए इसे वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा बताया है। अमेरिका का यह महत्वपूर्ण बयान भारत के लंबे समय से चले आ रहे रुख को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत समर्थन मिलने का स्पष्ट संकेत देता है।

पाकिस्तान दे रहा है आतंकियों को संरक्षण

एक महत्वपूर्ण प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, जब अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस से सीधे तौर पर यह सवाल पूछा गया कि क्या वह भारत के इस गंभीर आरोप से सहमत हैं कि पाकिस्तान लगातार आतंकवादी समूहों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन दे रहा है, तो प्रवक्ता ने बिना किसी लाग-लपेट के जवाब दिया, “बिल्कुल, आज की जटिल दुनिया में यह कोई नई बात नहीं है। यह एक ऐसा ज्वलंत मुद्दा है जिसे हम दशकों से लगातार उठाते आ रहे हैं। यह एक ऐसी कड़वी सच्चाई है जिसे हम मध्य पूर्व के अशांत क्षेत्रों में भी स्पष्ट रूप से देख चुके हैं, जहां इसी तरह की विनाशकारी हरकतों ने अनगिनत आम लोगों के जीवन को तबाह कर दिया है।”

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प्रवक्ता ने आगे अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “कश्मीर में जो कुछ भी हुआ, वह पूरी तरह से गैरकानूनी और किसी भी कीमत पर अस्वीकार्य है। सभ्य दुनिया ने इस तरह की जघन्य हिंसा को सिरे से खारिज कर दिया है। इस दुखद घड़ी में, हम पीड़ितों और उनके शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।”

अमेरिका का यह तीखा बयान ऐसे संवेदनशील समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। भारत ने कश्मीर में हुए हालिया बर्बर आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए जवाबी कार्रवाई की है। भारत का यह स्पष्ट और दृढ़ आरोप है कि पाकिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह के रूप में करने देता है और उन्हें भारत में विनाशकारी हमलों को अंजाम देने के लिए लगातार उकसाता है।

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संवाद को प्राथमिकता देने की अपील

ब्रूस ने आगे कहा कि बीते कुछ हफ्तों में हुए भयावह आतंकवादी हमलों के बाद स्थिति अत्यंत चिंताजनक हो गई है, लेकिन इस गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधना कोई समाधान नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस नाजुक स्थिति में संवाद को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका की भूमिका इन महत्वपूर्ण वार्ताओं के केंद्र में रही है और पिछले दो दिनों में अमेरिका ने दोनों पड़ोसी देशों के कई उच्च-स्तरीय नेताओं के साथ सक्रिय रूप से संपर्क साधा है। जब एक पत्रकार ने पूछा कि क्या अमेरिका इस तनावपूर्ण स्थिति में मध्यस्थता की भूमिका निभाने के लिए तैयार है, तो टैमी ब्रूस ने जवाब दिया, “यह एक बेहद संवेदनशील और खतरनाक स्थिति है। हम ऐसी किसी भी कूटनीतिक बातचीत के विवरण सार्वजनिक रूप से साझा नहीं करते हैं।”

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अमेरिका का यह बयान स्पष्ट रूप से पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन बंद करने का दबाव बढ़ाता है और भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को मजबूत करता है।

 

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