उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) के अध्यक्ष पद पर रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी डॉ एसएन साबत की नियुक्ति की गई है। 31 दिसंबर 2024 को पुलिस महानिदेशक (डीजी) पद से सेवानिवृत्त होने के बाद, अगले ही दिन योगी सरकार ने उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप दी है।
एसएन साबत का करियर
1990 बैच के आईपीएस अधिकारी एसएन साबत का पुलिस सेवा में एक लंबा और सफल करियर रहा है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं, जिनमें लखनऊ के आईजी जोन के अलावा अयोध्या और वाराणसी में एएसपी, तथा आगरा, जालौन, मिर्जापुर और फतेहपुर जैसे जिलों में एसपी के रूप में कार्य किया।
एसएन साबत के कार्यकाल में कानून व्यवस्था बनाए रखने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। उनके नेतृत्व में लखनऊ जोन में एक रिकॉर्ड स्थापित किया गया, जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रशंसा की थी। वह किसी भी मामले में त्वरित कार्रवाई करने के लिए प्रसिद्ध थे और अक्सर फोन करके भी समस्याओं का समाधान करते थे।
हाल ही में, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें सम्मानित किया था।
यूपीएसएसएससी अध्यक्ष का पद और नई जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) का अध्यक्ष पद काफी समय से खाली चल रहा था। पूर्व आईएएस अधिकारी प्रवीण कुमार के रिटायर होने के बाद से इस पद को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही थीं। इस बीच, योगी सरकार ने एसएन साबत को इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए चुना है।
यूपीएसएसएससी अध्यक्ष का पद बहुत अहम है, क्योंकि आयोग राज्य की ग्रुप बी से लेकर डी तक की भर्ती प्रक्रियाओं को संचालित करता है। इसलिए, यह सुनिश्चित करना कि भर्ती समय से हो और पारदर्शिता बनी रहे, एक बड़ी चुनौती है। एसएन साबत की नियुक्ति से इस पद पर नई उम्मीदें जगी हैं, खासकर तब जब कई भर्ती प्रक्रियाएं और कोर्ट में लंबित मामले सरकार के लिए चिंता का विषय बने हुए थे।
एसएन साबत का व्यक्तित्व
एसएन साबत को अपने काम के प्रति जुनून और उत्तरदायित्व निभाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है। उनके कार्यकाल के दौरान पुलिसिंग में बदलाव आया और उन्होंने हमेशा त्वरित निर्णय लेने की आदत को अपनाया। उनकी कार्यशैली में पारदर्शिता, कड़ी मेहनत और समाज के प्रति जिम्मेदारी का अद्भुत मिश्रण देखा गया।
नवीन नियुक्ति पर प्रतिक्रिया
एसएन साबत की नियुक्ति को लेकर कई राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। उनके अनुभव और कार्यशैली को देखते हुए यह माना जा रहा है कि यूपीएसएसएससी की जिम्मेदारी वह बखूबी निभाएंगे और राज्य की भर्ती प्रक्रियाओं में सुधार करेंगे।