सुप्रीम कोर्ट ने रेजिडेंट डॉक्टरों की लंबी शिफ्ट्स पर चिंता जताई, नेशनल टास्क फोर्स को निर्देश

Dharmender Singh Malik
4 Min Read

 नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने रेजिडेंट डॉक्टरों की ‘अमानवीय कार्य घंटों’ पर गंभीर चिंता जताते हुए नेशनल टास्क फोर्स को इस मुद्दे पर ध्यान देने का निर्देश दिया है। यह आदेश आरजी कर अस्पताल बलात्कार और हत्या मामले की स्वतः संज्ञान सुनवाई के दौरान पारित किया गया।

चिंता की मुख्य वजह

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मामले की सुनवाई के दौरान रेजिडेंट डॉक्टरों की लंबे समय तक ड्यूटी के घंटों को अमानवीय करार दिया। सीजेआई चंद्रचूड़ ने विशेष रूप से चिंता जताते हुए कहा, “हम पूरे देश में रेजिडेंट डॉक्टरों की अमानवीय शिफ्ट्स से बहुत चिंतित हैं। कई डॉक्टर 36 घंटे या उससे अधिक की शिफ्ट्स में काम कर रहे हैं, जो बिल्कुल अमानवीय है। हमें इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।”

See also  RBI का आदेश: रविवार को भी खुलेंगे बैंक, 31 मार्च तक कोई छुट्टी नहीं होगी

नेशनल टास्क फोर्स को निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टास्क फोर्स को निर्देशित किया कि वह रेजिडेंट डॉक्टरों और चिकित्सा पेशे से जुड़े अन्य प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार करे। केंद्रीय परिवार कल्याण और स्वास्थ्य मंत्रालय को भी एक निवारण पोर्टल खोलने का निर्देश दिया गया, ताकि विभिन्न हितधारक अपनी चिंताओं और सुझावों को सीधे नेशनल टास्क फोर्स तक पहुंचा सकें।

न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, “नेशनल टास्क फोर्स को सिफारिशें तैयार करने से पहले विभिन्न हितधारकों के विचार लेना चाहिए। इसके लिए, हम केंद्रीय परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को मंत्रालय की वेबसाइट पर एक विशिष्ट पोर्टल खोलने का निर्देश देते हैं।”

See also  उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे का कहर, दिल्ली में सीवियर कोल्ड डे
- Advertisement -

सुरक्षा और अन्य सुझाव

कई हस्तक्षेपकर्ताओं ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सुझाव दिए हैं, जैसे कि:

  1. संकट कॉल प्रणाली: विशेष रूप से महिला डॉक्टरों के लिए नजदीकी पुलिस स्टेशनों से जुड़ी संकट कॉल प्रणाली शुरू करना।
  2. संस्थागत एफआईआर: अपराधों की तत्काल रिपोर्टिंग के लिए संस्थागत एफआईआर की व्यवस्था।
  3. मुआवजा संकट निधि: पीड़ित डॉक्टरों के लिए मुआवजा संकट निधि की स्थापना।

न्यायालय ने इन सुझावों पर भी विचार करने का निर्देश दिया और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव को राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ मिलकर अंतरिम सुरक्षा उपाय लागू करने का निर्देश दिया।

प्रस्तावित कार्रवाई

न्यायालय ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव को एक सप्ताह के भीतर बैठक आयोजित करनी चाहिए और उसके बाद राज्य सरकारों को दो सप्ताह के भीतर उचित कार्रवाई करनी चाहिए। इसके साथ ही, राज्यों को विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के खिलाफ कोई प्रतिकूल कदम न उठाने और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की सुनिश्चितता के लिए निर्देशित किया गया है।

See also  Top hospitals of Delhi NCR: Best medical services and facilities

पश्चिम बंगाल पुलिस को फटकार

न्यायालय ने मामले की जांच में कमी के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस को भी फटकार लगाई और सुधार की दिशा में तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया।

केस टाइटल: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या और संबंधित मुद्दों के संबंध में | एसएमडब्लू (सीआरएल) 2/2024

- Advertisement -

See also  RBI का आदेश: रविवार को भी खुलेंगे बैंक, 31 मार्च तक कोई छुट्टी नहीं होगी
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment

Leave a Reply

error: AGRABHARAT.COM Copywrite Content.