Tahawwur Rana Extradition: ‘पाक मूल का मुस्लिम हूं, भारत में होगा टॉर्चर…’ प्रत्यर्पण से बचने की नई चाल..

Manisha singh
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26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा ने भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

मुंबई: 26/11 मुंबई हमले के प्रमुख आरोपी तहव्वुर राणा ने भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि यदि उन्हें भारत भेजा गया, तो उन्हें गंभीर प्रताड़ना का सामना करना पड़ेगा। राणा का दावा है कि पाकिस्तान मूल के होने के कारण भारत में उन्हें धार्मिक और सांस्कृतिक आधार पर निशाना बनाया जाएगा।

तहव्वुर राणा का याचिका में क्या कहना है?

राणा की ओर से दायर की गई याचिका में उन्होंने कहा है कि भारत में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो सकती, क्योंकि वहां उन्हें मुस्लिम होने की वजह से भेदभाव और प्रताड़ना का सामना करना पड़ेगा। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारत सरकार लगातार तानाशाही की ओर बढ़ रही है और यह आरोप लगाया गया है कि धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों, के साथ भेदभाव किया जा रहा है। राणा ने अपनी स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि वह पार्किंसंस जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं और ऐसे स्थान पर नहीं भेजे जाएं, जहां उनका जीवन खतरे में हो।

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तहव्वुर राणा कौन हैं?

तहव्वुर राणा पाकिस्तान का नागरिक है, जो वर्तमान में कनाडा का नागरिक बन चुका है। राणा ने आर्मी मेडिकल कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की और पाकिस्तान आर्मी में डॉक्टर के रूप में कार्य किया। लेकिन उसने इस नौकरी को छोड़ दिया और भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो गया। वह 2006 से 2008 तक पाकिस्तान में डेविड हेडली और अन्य आतंकियों के साथ मिलकर 26/11 के हमले की साजिश रचने में शामिल था। राणा ने लश्कर-ए-तैयबा और हरकत उल जिहाद ए इस्लामी जैसे आतंकी संगठनों को मदद पहुंचाई थी। राणा के खिलाफ कई देशों में गिरफ्तारी वारंट हैं, और उसे भारतीय अदालत में पेश करने की प्रक्रिया चल रही है।

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26/11 मुंबई आतंकी हमले का संक्षिप्त विवरण

26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले में दस पाकिस्तान से आए आतंकियों ने ताज होटल, ओबेरॉय होटल और CST रेलवे स्टेशन पर हमला किया था। इस हमले में 170 से अधिक लोगों की जान गई, और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए। भारतीय सेना और एनएसजी कमांडो ने इस हमले को नाकाम करने के लिए ऑपरेशन चलाया, जिसमें कई वीर जवानों ने अपनी जान गंवाई। मुंबई पुलिस के प्रमुख हेमंत करकरे, एसीपी अशोक कामटे और कई अन्य पुलिसकर्मी शहीद हो गए।

तहव्वुर राणा का बचाव और भारत सरकार का रुख

राणा के प्रत्यर्पण का मामला अब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि राणा के खिलाफ सबूत पर्याप्त हैं और उसे भारत में न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना चाहिए। भारतीय सरकार ने अमेरिका से अनुरोध किया है कि राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जाए ताकि उसे न्याय मिल सके।

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यह मामला न केवल भारत और अमेरिका के बीच के प्रत्यर्पण समझौते के बारे में है, बल्कि यह 26/11 के हमले की सजा और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक संघर्ष की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

 

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