राजकोट (गुजरात): गुजरात के राजकोट शहर में एक निजी स्कूल की शिक्षिका पर एक बेहद गंभीर और शर्मनाक आरोप लगा है। 42 वर्षीय महिला शिक्षिका पर अपनी ही 4 वर्षीय छात्रा के साथ कथित तौर पर मारपीट करने और उसके गुप्तांगों पर चोट पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस अधिकारी ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पीड़िता ने अपनी मां को अपने गुप्तांगों में असहनीय दर्द के बारे में बताया था। इसके बाद जब बच्ची की मेडिकल जांच कराई गई, तो अंदरूनी चोट के कारण संक्रमण का पता चला।
मां की शिकायत पर POCSO के तहत मामला दर्ज
अधिकारी ने बताया कि 11-12 अप्रैल को बच्ची की मां द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी 42 वर्षीय शिक्षिका के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।
बच्ची ने दी घटना की जानकारी, मनोवैज्ञानिक जांच की जरूरत
पुलिस उपायुक्त जगदीश बांगरवा ने मीडिया को बताया, ‘लड़की की मां ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसकी बेटी ने उन्हें बताया था कि उसकी टीचर ने उसकी पिटाई की है। बच्ची अभी ठीक से बात करने में सक्षम नहीं है और डॉक्टरों ने उसकी मनोवैज्ञानिक जांच कराने की सलाह दी है। वह यह स्पष्ट रूप से नहीं बता पा रही है कि उसके शिक्षक ने उसके गुप्तांगों पर चोट पहुंचाने के लिए किसी पेन का इस्तेमाल किया था या अपने हाथ से उसकी पिटाई की थी।’
बंगरवा ने आगे बताया, ‘लड़की की मां ने हमें बाद में यह भी जानकारी दी कि उन्होंने स्कूल प्रशासन से इस बारे में संपर्क किया था, जिसके बाद उन्हें पता चला कि प्रिंसिपल बच्ची को अपने कमरे में ले गई थी और वहां उसकी पिटाई की गई थी।’
स्कूल ने आरोपों का खंडन किया, CCTV फुटेज जारी
वहीं, आरोपी शिक्षिका ने बच्ची के परिवार द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का पुरजोर खंडन किया है। इसके विपरीत, स्कूल प्रशासन ने 11 अप्रैल की कक्षा की सीसीटीवी फुटेज जारी की है और दावा किया है कि ऐसी कोई भी घटना कक्षा में घटित नहीं हुई है। पुलिस अब इस सीसीटीवी फुटेज की भी गहनता से जांच कर रही है ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके।
कांग्रेस छात्र शाखा का प्रदर्शन, कुछ हिरासत में
इस बीच, विपक्षी कांग्रेस की छात्र शाखा, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) के सदस्यों ने इस घटना पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस के अनुसार, विरोध प्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उनमें से कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया।
यह मामला बेहद संवेदनशील है और एक मासूम बच्ची के साथ हुई इस कथित घटना ने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया है। पुलिस हर पहलू से मामले की जांच कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही सच्चाई सामने आएगी और दोषी पाए जाने पर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।