नई दिल्ली: सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि जब 8वां वेतन आयोग लागू होगा, तो उनकी सैलरी में जबरदस्त उछाल देखने को मिलेगा। हर वेतन आयोग के लागू होने पर न केवल कर्मचारियों का मूल वेतन (बेसिक सैलरी) बढ़ता है, बल्कि महंगाई भत्ता (डीए), फिटमेंट फैक्टर और मकान किराया भत्ता (एचआरए) की दरों पर भी सीधा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में, सरकारी कर्मचारियों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या सरकार 8वें वेतन आयोग में एचआरए की दरों में भी महत्वपूर्ण बदलाव करेगी।
डीए स्ट्रक्चर के अनुसार होगा एचआरए का रिव्यू
जैसा कि सर्वविदित है, प्रत्येक वेतन आयोग के साथ सरकार एचआरए की दरों को भी एक बार अवश्य संशोधित करती है। छठे वेतन आयोग में एचआरए की दरों को शहरों की श्रेणी के अनुसार 30 प्रतिशत (एक्स शहर), 20 प्रतिशत (वाई शहर) और 10 प्रतिशत (जेड शहर) के रूप में रिवाइज किया गया था। इसी प्रकार, 7वें वेतन आयोग में भी इन दरों को संशोधित किया गया था, जो क्रमशः 24, 16 और 8 प्रतिशत थीं। हालांकि, जब महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत के स्तर तक पहुंच गया, तो एचआरए को फिर से बढ़ाकर छठे वेतन आयोग की दरों के अनुरूप 30, 20 और 10 प्रतिशत कर दिया गया। इससे स्पष्ट होता है कि एचआरए की दरें सीधे तौर पर महंगाई भत्ते और मूल वेतन से जुड़ी हुई हैं। इसलिए, प्रबल अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार भी सरकार 8वें वेतन आयोग में एचआरए की दरों को एक बार फिर से कर्मचारियों के मूल वेतन और महंगाई भत्ते के मौजूदा ढांचे के अनुसार रिव्यू करेगी।
इस प्रकार बढ़ेगा एचआरए का अमाउंट
वर्तमान में 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 1.92 तक बढ़ाए जाने की संभावनाओं पर चर्चा चल रही है। इसका सीधा अर्थ यह है कि कर्मचारी के मौजूदा मूल वेतन को 1.92 से गुणा करके एक नया वेतन आधार (पे बेस) निर्धारित किया जाएगा। इसे एक उदाहरण के माध्यम से समझें तो, यदि किसी सरकारी कर्मचारी का वर्तमान मूल वेतन 30 हजार रुपये है, तो 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर उनका नया मूल वेतन 30 हजार × 1.92 = 57,600 रुपये होगा। ऐसे में, एचआरए की गणना भी इस नए बढ़े हुए मूल वेतन पर ही की जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप एचआरए की राशि में स्वाभाविक रूप से वृद्धि होगी।
कितनी बढ़ सकती हैं एचआरए की दरें?
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में एचआरए की दरों में महत्वपूर्ण बदलाव होने की प्रबल संभावना है। यह देखा गया है कि प्रत्येक नए वेतन आयोग के लागू होने के साथ ही एचआरए में भी बढ़ोतरी की जाती है। इस बार भी ऐसी चर्चाएं जोरों पर हैं कि सरकार एचआरए की दरों में उदारतापूर्वक बदलाव कर सकती है। यदि ऐसा होता है, तो कर्मचारियों के हाथ में आने वाली शुद्ध आय में तो वृद्धि होगी ही, इसके साथ ही महंगाई भत्ते के 25 प्रतिशत और 50 प्रतिशत के स्तर पर पहुंचने पर एचआरए के पुनरीक्षण (रिवीजन) में भी प्रावधान रहने की उम्मीद है, जैसा कि 7वें वेतन आयोग के बाद देखने को मिला था। यदि सरकार डीए के साथ तालमेल बिठाते हुए एचआरए की दरों में वृद्धि करती है, तो यह सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी वित्तीय राहत साबित हो सकता है।