नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाते हुए 2, 5 और 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी है। यह निर्णय न केवल देश की मुद्रा व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए लिया गया है, बल्कि डिजिटल करेंसी और कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने का भी एक प्रमुख कारण है।
छपाई महंगी, चलन कम: 2 और 5 रुपये के नोट बाजार से होंगे बाहर
मिली जानकारी के अनुसार, इन नोटों का चलन अब लगभग बंद हो गया है। बैंक नोट ही नहीं, बल्कि भौतिक करेंसी का इस्तेमाल भी कम हो गया है, क्योंकि आज लोग छोटे-मोटे लेन-देन के लिए 2 या 5 रुपये के सिक्के का ही ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं।
जानकारी के मुताबिक, कुछ समय पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने 5 रुपये की पुरानी करेंसी पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था, जिसकी मुख्य वजह ऐसी करेंसी की छपाई की ज्यादा लागत थी। अब RBI ने 2 और 5 रुपये के नोटों पर भी प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है और जल्द ही ऐसे नोट बाजार से पूरी तरह गायब हो जाएंगे।
सालाना 6372 करोड़ रुपये की बचत, पुराने नोटों की होगी रीसाइक्लिंग
भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक, ऐसे नोट छापना महंगा पड़ता था। हर साल इनकी छपाई पर करीब 6372 करोड़ रुपये खर्च होते थे। हालांकि, इनका इस्तेमाल इतना कम होता था कि ऐसे नोटों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया।
RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि पुराने और गंदे नोटों को रीसाइकिल किया जाएगा। इन दिनों ऑनलाइन पेमेंट का चलन काफी बढ़ गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने साफ किया है कि कैशलेस ट्रांजैक्शन जारी रहेगा, इसलिए अब छोटे नोटों को धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है। यह कदम देश को एक अधिक डिजिटल और कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।