Advertisement

Advertisements

समलैंगिक विवाह: कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्‍यक्षता में कमेटी बनने को तैयार हुआ केंद्र, सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी

Dharmender Singh Malik
3 Min Read

नई दिल्ली। भारत में समलैंगिक विवाह की कानूनी मान्यता पर वर्तमान में चर्चा हो रही है। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को समलैंगिक विवाह के मामले पर सुनवाई की जा रही है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वह समलैंगिक कपल्‍स को सोशल बेनेफिट्स देने पर विचार करने के लिए समिति बनाने को तैयार है। यह कमेटी कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्‍यक्षता में बनेगी जो इस पर विचार करेगी कि अगर समलैंगिक कपल्स की शादी को कानूनी मान्यता न मिले तब उन्हें कौन-कौन से सामाजिक फायदे उपलब्‍ध कराए जा सकते हैं।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया कि समलैंगिक जोड़े के सामने आने वाले मुद्दों को देखने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा। एसजी मेहता का कहना है कि याचिकाकर्ता सुझाव दे सकते हैं, ताकि समिति इस पर ध्यान दे सके। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 3 मई तक संभावित सामाजिक लाभों पर जवाब देने को कहा था। इससे पहले 27 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को सामाजिक लाभों पर अपनी प्रतिक्रिया के साथ 3 मई को वापस आने के लिए कहा था।

See also  ईंधन की ऊंची कीमतों से आम जनता का जीवन कठिन हुआ

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि समलैंगिक जोड़ों को उनकी वैवाहिक स्थिति की कानूनी मान्यता के बिना क्या सामाजिक लाभ दिए जा सकते हैं सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि समलैंगिक जोड़ों की चिंताओं को दूर करने के लिए प्रशासनिक कदमों की खोज के सुझाव के बारे में केंद्र सरकार सकारात्मक है।

मामले की सुनवाई कर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समलैंगिक विवाह को मान्यता का मुद्दा हम तय करने वाले हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान पीठ ये तय करेगी कि सैमलैंगिक विवाह को मान्यता दी जा सकती है या नहीं। वहीं सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘कुछ ना मिले इससे कुछ पाना उपलब्धि होगी। न्यायालय एक साथ रहने के अधिकार की स्वीकृति सुनिश्चित कर सकता है। साथ ही जस्टिस एस रवींद्र भट ने याचिकाकर्ताओं को याद दिलाया कि अमेरिका के कानून में बदलाव में आधी सदी लग गई।

See also  भारत को बड़ी सफलता: 26/11 के दोषी तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण तय, ट्रंप ने PM मोदी की मौजूदगी में किया ऐलान!

मालूम हो कि मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एसके कौल, एस रवींद्र भट, पीएस नरसिम्हा और हेमा कोहली की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ समलैंगिक विवाहों के लिए कानूनी मान्यता की मांग करने वाली दलीलों के एक बैच पर सुनवाई कर रही है।

Advertisements

See also  वक्फ एक्ट पर गरमागरम बहस: केंद्र और याचिकाकर्ता आमने-सामने, SC में सुनवाई जारी
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement