खालिस्तान आंदोलन: क्या है, क्यों है, और इसका प्रभाव

admin
3 Min Read

खालिस्तान आंदोलन भारत के पंजाब राज्य के कुछ हिस्सों में सिखों द्वारा एक स्वतंत्र राज्य की मांग का आंदोलन है। आंदोलन का उद्देश्य एक ऐसे देश का निर्माण करना है जो पूरी तरह से सिखों के नियंत्रण में हो। आंदोलन की शुरुआत 1940 के दशक में हुई थी और 1980 के दशक में इसने सबसे अधिक उग्र रूप लिया।

खालिस्तान शब्द का अर्थ

खालिस्तान शब्द का अर्थ है “खालसा की भूमि”। खालसा सिखों का एक धार्मिक समुदाय है जो 17 वीं शताब्दी में स्थापित हुआ था।

आंदोलन के कारण

खालिस्तान आंदोलन के कई कारण हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • पंजाब में सिखों की आबादी का बहुमत होना।
  • पंजाब की अर्थव्यवस्था में सिखों का महत्वपूर्ण योगदान।
  • पंजाब में सिखों के साथ होने वाले भेदभाव और उत्पीड़न।
See also  महाराष्ट्र में स्थित तीनों ज्योतिर्लिंगों और पौराणिक स्थलों को देखना सकूँन भरा- पं० प्रमोद गौतम

आंदोलन का इतिहास

खालिस्तान आंदोलन का इतिहास 1940 के दशक में शुरू होता है, जब सिख नेताओं ने भारत के विभाजन के बाद पंजाब को एक अलग राज्य बनाने की मांग की। 1960 के दशक में आंदोलन ने फिर से जोर पकड़ लिया, जब सिख नेताओं ने पंजाब की अर्थव्यवस्था में सिखों के हिस्से में वृद्धि की मांग की।

1980 के दशक में आंदोलन ने सबसे अधिक उग्र रूप लिया। इस अवधि के दौरान, सिख आतंकवादियों ने कई हमले किए, जिसमें भारतीय सेना और नागरिकों की हत्या शामिल थी।

1984 में, भारतीय सेना ने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर पर हमला किया। इस हमले में कई सिख मारे गए और आंदोलन और भी उग्र हो गया।

See also  पंजाब में इंडिया गठबंधन का टूटना तय, आप ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया

1990 के दशक में, भारत सरकार ने खालिस्तान आंदोलन को दबाने के लिए कदम उठाए। इन कदमों में सैन्य कार्रवाई, गिरफ्तारियां और आतंकवाद विरोधी कानूनों का इस्तेमाल शामिल था।

आंदोलन का प्रभाव

खालिस्तान आंदोलन ने भारत और पंजाब में गहरी सामाजिक और राजनीतिक विभाजन पैदा किया है। आंदोलन ने पंजाब में हिंसा और आतंकवाद को भी बढ़ावा दिया है।

खालिस्तान और कनाडा

कनाडा में एक बड़ा सिख समुदाय है, जो खालिस्तान आंदोलन का समर्थन करता है। कनाडा में कई खालिस्तान समर्थक संगठन हैं, जो आंदोलन को वित्त और समर्थन प्रदान करते हैं।

खालिस्तान आंदोलन का वर्तमान स्वरूप

आज, खालिस्तान आंदोलन अभी भी पंजाब में मौजूद है, लेकिन यह उतना उग्र नहीं है जितना कि 1980 के दशक में था। आंदोलन को अब पाकिस्तान और कनाडा से भी समर्थन मिल रहा है।

See also  जयपुर: सीएनजी ट्रक की टक्कर से विस्फोट, 40 गाड़ियां जलकर खाक, 6 की मौत

ये भी पढें… ऑपरेशन ब्लू स्टार और खालिस्तान की मांग: पंजाब के इतिहास में दो महत्वपूर्ण घटनाएं

See also  भाजपा ने निलंबन किया रद्द, विधायक टी राजा सिंह का आया ये बयान
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement