अगर आपके पास पुराने, मोटे ₹5 के सिक्के हैं, तो ये खबर आपके लिए है! भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अब इन मोटे सिक्कों का उत्पादन बंद कर दिया है। इसका मतलब ये नहीं कि ये पूरी तरह से बंद हो गए हैं, लेकिन अब बाजार में केवल पतले और हल्के ₹5 के सिक्के ही बनाए जाएंगे। तो आइए जानते हैं, ऐसा क्यों हुआ और आपके पुराने सिक्कों का क्या होगा।
दो तरह के ₹5 के सिक्के: मोटा बनाम पतला
पहले, बाजार में दो तरह के ₹5 के सिक्के चलन में थे:
- एक पतला सिक्का, जो आमतौर पर पीतल या मिश्रित धातु का होता था।
- दूसरा मोटा और भारी सिक्का, जो मजबूत धातु से बना होता था।
RBI ने अब फैसला लिया है कि मोटे सिक्कों का आगे उत्पादन नहीं होगा। इसका मतलब है कि भविष्य में सिर्फ पतले और हल्के ₹5 के सिक्के ही ढाले जाएंगे।
RBI ने यह फैसला क्यों लिया?
इस फैसले के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जिनमें आर्थिक, सुरक्षा और अवैध गतिविधियां शामिल हैं:
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धातु का मूल्य ज्यादा होना: मोटे सिक्कों में इस्तेमाल होने वाली धातु का मूल्य समय के साथ इतना बढ़ गया था कि एक ₹5 के सिक्के में लगी धातु की कीमत ही ₹6-8 तक पहुंच गई थी। इसका मतलब था कि अगर कोई इन सिक्कों को पिघलाकर बेचता या उनसे कुछ और बनाता, तो उसे मुनाफा होता।
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रेज़र ब्लेड बनाने का खेल: इन मोटे सिक्कों की धातु से रेज़र ब्लेड बनाना काफी फायदेमंद साबित हो रहा था। एक ₹5 के सिक्के से करीब 4-6 ब्लेड बनते थे, और एक ब्लेड ₹2 में बिकता था। इस तरह, एक सिक्के से ₹8 से ₹12 तक की कमाई हो जाती थी। यही वजह थी कि बड़े पैमाने पर इन सिक्कों को पिघलाने का काम चल रहा था।
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तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा: रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत के इन मोटे सिक्कों की बांग्लादेश में भारी मांग थी, जहां इनकी तस्करी करके रेज़र ब्लेड बनाए जा रहे थे। यह न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा था, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक चिंता का विषय बन गया था।
इन सभी गतिविधियों की जानकारी मिलने के बाद RBI ने तुरंत एक्शन लेते हुए इन सिक्कों के उत्पादन पर रोक लगा दी।
नई मुद्रा नीति और बदलाव
RBI ने अब नए डिज़ाइन और नई धातु से बने पतले सिक्के जारी करना शुरू किया है। इन नए सिक्कों में धातु का मिश्रण इस तरह से किया गया है कि उनका आंतरिक मूल्य सिक्के के अंकित मूल्य से कम रहे। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि कोई भी उन्हें पिघलाकर दूसरे उत्पादों में इस्तेमाल करने के बारे में न सोचे।
इन नए सिक्कों का डिज़ाइन भी अधिक आकर्षक है और इनमें भारतीय संस्कृति की झलक दिखाई देती है।
क्या पुराने मोटे सिक्के अब नहीं चलेंगे?
नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है!
अगर आपके पास पुराने मोटे ₹5 के सिक्के हैं, तो आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है। वे अभी भी पूरी तरह से वैध मुद्रा हैं और आप उनका इस्तेमाल किसी भी लेनदेन के लिए कर सकते हैं। RBI ने सिर्फ इतना कहा है कि भविष्य में नए मोटे सिक्के नहीं बनाए जाएंगे। जो सिक्के पहले से बाजार में हैं, वे तब तक चलते रहेंगे जब तक वे घिस-पिट कर खराब नहीं हो जाते।
सिक्के बंद करने की प्रक्रिया कैसे होती है?
भारत में नोट और सिक्कों से जुड़े फैसले RBI और केंद्र सरकार मिलकर लेती हैं।
- अगर कोई सिक्का या नोट बंद करना होता है या नया जारी करना होता है, तो सबसे पहले RBI एक प्रस्ताव भेजता है।
- इसके बाद सरकार वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों की सलाह लेती है।
- इन प्रक्रियाओं के बाद ही किसी मुद्रा को चलन से बाहर किया जाता है या कोई नया प्रारूप लागू होता है।
- सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब भी कोई सिक्का या नोट बंद होता है, तो उसकी जानकारी जनता को समय रहते दी जाती है।
आम लोगों के लिए ज़रूरी सलाह
- किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और न ही उसे फैलाएं।
- केवल RBI की वेबसाइट या आधिकारिक प्रेस रिलीज़ से ही सही जानकारी लें।
- अगर आपके पास मोटे ₹5 के सिक्के हैं, तो उन्हें खर्च करें या बैंक में जमा कर दें।
- सिक्कों को पिघलाना या बेचना गैरकानूनी है और ऐसा करने पर आपको जुर्माना भी लग सकता है।
RBI का मोटे ₹5 के सिक्कों का उत्पादन बंद करने का फैसला पूरी तरह से समझदारी भरा और देशहित में है। इससे न केवल आर्थिक नुकसान रुकेगा, बल्कि अवैध तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा को भी कम खतरा होगा। नई मुद्रा नीति के तहत अब बाजार में हल्के और आकर्षक डिज़ाइन वाले सिक्के ही देखने को मिलेंगे।
यदि आपके पास पुराने सिक्के हैं, तो घबराइए नहीं – वे पूरी तरह मान्य हैं। बस समय-समय पर सरकारी वेबसाइट से अपडेट लेते रहें और किसी भी अफवाह से बचें।