पहली बार खेले जा रहे महिला वुमेंस प्रीमियर लीग क्रिकेट टूर्नामेंट (डब्ल्यूपीएल) में अब वाइड और नो-बॉल के लिए भी डिसिजन रिव्यू सिस्टम यानी (डीआरएस) की सुविधा रहेगी। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अनुसार पहले डीआरएस केवल आउट या नॉटआउट को देखने के लिए ही लिया जाता था। एक रिपोर्ट के अनुसार कई बार एक वेस्ट हाईट की नो बॉल पूरा खेल बदल देती है। ऐसा ही वाइड बॉल के साथ भी है, जहां एक रन से बहुत फर्क पड़ जाता है। इसी को देखते हुए डीआरएस का विकल्प दिया गया है।
डब्ल्यूपीएल अंतिम ग्यारह में कहा गया है, एक खिलाड़ी टाइम्ड आउट (प्लेयर रिव्यू) होने से पहले ऑन-फील्ड अंपायरों द्वारा लिए गए किसी भी फैसले की समीक्षा का अनुरोध कर सकता है कि बल्लेबाज को आउट किया जाए या नहीं। एक खिलाड़ी को मैदानी अंपायरों द्वारा वाइड या नो-बॉल के संबंध में लिए गए किसी भी निर्णय की समीक्षा करने की अनुमति दी जा सकती है।
वहीं अब तक डीआरएस के तहत खिलाड़ी केवल आउट होने वाले ऑन-फील्ड फैसलों की समीक्षा ही की जा सकती थी पर डब्ल्यूपीएल और आईपीएल में ऐसा नहीं होगा। ये रिव्यू वाइड और नो बॉल के लिए भी उपलब्ध होंगे, लेकिन दो ही रिव्यू एक टीम को मिलेंगे। एक पारी में दो ही रिव्यू मिलेंगे और असफल होने पर रिव्यू आगे नहीं लिए जा सकेंगे।
डब्ल्यूपीएल अंतिम ग्यारह में कहा गया है, एक खिलाड़ी टाइम्ड आउट (प्लेयर रिव्यू) होने से पहले ऑन-फील्ड अंपायरों द्वारा लिए गए किसी भी फैसले की समीक्षा का अनुरोध कर सकता है कि बल्लेबाज को आउट किया जाए या नहीं। एक खिलाड़ी को मैदानी अंपायरों द्वारा वाइड या नो-बॉल के संबंध में लिए गए किसी भी निर्णय की समीक्षा करने की अनुमति दी जा सकती है।
वहीं अब तक डीआरएस के तहत खिलाड़ी केवल आउट होने वाले ऑन-फील्ड फैसलों की समीक्षा ही की जा सकती थी पर डब्ल्यूपीएल और आईपीएल में ऐसा नहीं होगा। ये रिव्यू वाइड और नो बॉल के लिए भी उपलब्ध होंगे, लेकिन दो ही रिव्यू एक टीम को मिलेंगे। एक पारी में दो ही रिव्यू मिलेंगे और असफल होने पर रिव्यू आगे नहीं लिए जा सकेंगे।