आरक्षण जातीय नहीं आर्थिक आर्थिक आधार पर लागू हो: प्रदीप हुड्डा
अपने साहसिक फैसलों व निडर, निष्पक्ष छवि को बरकरार रखते हुए प्रदीप हुडा जाट समाज की पहली पसंद बने हैं। कहते हैं कि “पूत के पांव पालने में ही नजर आ जाते हैं” वाली कहानी को सत्यार्थ करते हुए प्रदीप हुड्डा अपने छात्र जीवन के दिनों से ही समाज सेवा, गौरक्षा, महिला सशक्तिकरण, भ्रूणहत्या, भ्रस्टाचार और आर्थिक आधार पर आरक्षण जैसे मुद्दो पर हमेशा अपनी आवाज उठाते रहते हैं। उनकी इसी अथक मेहनत और समाज सेवा के लिए दृढ़ संकल्प ने आज उनको इस मुकाम पर पहुंचा दिया है कि वह अपनी बात जमीनी स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के नेताओं तक पहुंचाने में सक्षम है। सिर्फ जाट सामाज ही नहीं 36 बिरादरी की समस्याओं को अच्छे से सुनना और निष्पक्ष तरीके से सुलझाना, किसी भी पार्टी के नेताओं या उच्चाधिकारियों के सामने अपनी बात बेधड़क से रखना इनके दमदार व्यक्तित्व की खुबियां रही हैं।
ज्ञात रहे कि प्रदीप हुडा पिछले काफी वर्षों से विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों में जुटे रहे हैं, चाहे वो किसी गरीब परिवार की कन्या का विवाह हो या किसी को स्वास्थ्य संबंधी या चिकित्सा की कोई सहायता की बात हो। कोई भी व्यक्ति किसी भी समय आसानी से उनसे संपर्क साध सकता है। जाट आरक्षण आंदोलन और किसान आंदोलन जैसे विशेष मुद्दों पर भी उन्होंने एक अहम भूमिका निभाई है। जिसके चलते एक आम इंसान के मन मे भी अलग से पहचान बनी है। उन्होंने कभी पौधारोपण तो कभी रक्तदान शिविर, कभी मंदिरों में दान सहयोग तो कभी भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर उनको उनके अंजाम तक पहुंचाना उनके सामाजिक कार्यो को दर्शाता है। सभी शीर्ष और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं और नौकरशाहों के साथ उनके हमेशा से बड़े ही मधुर संबंध रहे हैं, फिर भी प्रदीप हुडा ने कभी किसी एक विशेष राजनीतिक पार्टी का हाथ नहीं थामा है और ना ही भविष्य में थामेंगे। सच को सच कहना और हमेशा सच का साथ देना। सभी से मेल मिलाप बनाये रखना और हमेशा अपने समाज कल्याण के कार्य के प्रति ईमानदारी से जुड़े रहना उनकी दिनचर्या का हिस्सा रहा है।
कई बार मीडिया के द्वारा उनसे सवाल किया था और उन पर यह आरोप भी लगाए गए थे कि वह किसी विशेष राजनीतिक दल के साथ उनका विशेष लगाव है लेकिन ख़ुद पर लगे आरोपों को ख़ारिज करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया है कि न ही उनके किसी विशेष राजनीतिक पार्टी से कोई साठ-गाँठ है और न ही भविष्य में इस बात को लेकर उन्होंने कभी कुछ सोचा है।
“सत्य कहो, स्पष्ट कहो, कहो ना सुन्दर झूठ, चाहे कोई ख़ुश रहे, चाहे जाए रूठ”। इसी तर्ज़ पर चलते हुए प्रदीप हुड्डा ने सभी राजनैतिक पार्टियों, उच्चाधिकारियों व कर्मचारियों से सबसे मधुर संबंध बनाए रखने की परख रखे हैं। हाल ही में उनसे हुई बातचीत में उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अच्छे व सभ्य समाज के निर्माण के लिए पूरी मेहनत से हर क्षेत्र में अपनी कार्यकारिणी को और आगे बढ़ाते हुए आगे की रूपरेखा तैयार करेंगे। हमेशा सच का साथ देंगे। पाँचवी बार हरियाणा जाट महासभा के अध्यक्ष बनने पर उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि पिछली युवा विंग व महिला विंग को भंग कर दिया है और नई युवा व महिला विंग की सूची जल्दी ही जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा जाट महासभा के संगठन को और ज्यादा मजबूत करने के लिए इन तीन इकाइयों (कानूनी प्रकोष्ठ, शिक्षक प्रकोष्ठ व चिकित्सक प्रकोष्ठ) का गठन करने जा रहे हैं। जिससे प्रदेश में हर एक आम व्यक्ति को निशुल्क क़ानूनी मदद, निशुल्क चिकित्सा सहायता और गरीब बच्चों को शिक्षा में निशुल्क मदद मिल सके। ताकि आम व ग़रीब लोगों को निःशुल्क ये सेवाएँ मिल सके।