आगरा: थाना मलपुरा में दर्ज एक दहेज प्रताड़ना के मामले में अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत का यह फैसला वादी और पीड़िता के अपने बयान से मुकर जाने के कारण आया है।
क्या है मामला:
वादी रामबाबू ने आरोप लगाया था कि उसकी बेटी शिल्पी उर्फ हेमलता की शादी अनूप कुमार से हुई थी। शादी के बाद से ही आरोपी पति, सास, जेठ, जिठानी और ननद दहेज की मांग को लेकर उसकी बेटी को प्रताड़ित करते थे। आरोपों के मुताबिक, उन्होंने 19 फरवरी 2022 को शिल्पी को जहर देकर मारने की कोशिश की थी।
अदालत का फैसला:
मुकदमे के दौरान वादी और पीड़िता अपने पहले के बयानों से मुकर गए। उन्होंने अदालत में बताया कि उनका आरोपियों से समझौता हो गया है। इस आधार पर अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
यह मामला क्यों है महत्वपूर्ण:
यह मामला दहेज प्रताड़ना के मामलों में आने वाली चुनौतियों को उजागर करता है। कई बार पीड़ित डर या सामाजिक दबाव के कारण अपने बयान से मुकर जाते हैं जिसके कारण दोषी को सजा नहीं मिल पाती है।
यह फैसला इस बात पर सवाल उठाता है कि दहेज प्रताड़ना के मामलों में न्याय कैसे सुनिश्चित किया जाए। इस मामले में पीड़िता और उसके परिवार पर दबाव डालकर उन्हें अपने बयान से मुकरने के लिए मजबूर किया गया हो सकता है।